... BREAKING VIDEO :- "पहाड़ी कोरवा महिला" का एम्बुलेंस में हुआ प्रसव,2 घंटे जद्दोजहद के बाद पैदल कंधे पर ढोकर एम्बुलेन्स तक पंहुचे थे परिजन।

पत्रवार्ता में अपनी ख़बरों के लिए 7000026456 पर व्हाट्सप करें


BREAKING VIDEO :- "पहाड़ी कोरवा महिला" का एम्बुलेंस में हुआ प्रसव,2 घंटे जद्दोजहद के बाद पैदल कंधे पर ढोकर एम्बुलेन्स तक पंहुचे थे परिजन।






सरगुजा(पत्रवार्ता) उत्तर छत्तीसगढ़ कहे जाने वाले सरगुजा के सुदूर क्षेत्र में आज भी यहां रहने वाले पहाड़ी कोरवा विकास की मुख्य धारा से कोसों दूर हैं।जमीनी विकास की हकीकत उस वक्त सामने आ गई जब प्रसूता के घर तक एम्बुलेंस नहीं पंहुच पाई और परिजनों ने 2 घंटे का पैदल सफ़र तय प्रसूता को झलंगी भार की मदद से कंधों पर लादकर एम्बुलेन्स तक लाया।यहां भी उसकी तकलीफ कम नहीं हुई एम्बुलेन्स कुछ दूर जाने के बाद एक घाटी में फंस गया और यहां महिलाएं एम्बुलेन्स को पीछे से धकेलती नजर आईं।इस बीच प्रसूता प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी।इस बीच एम्बुलेंस में ही उसका प्रसव हो गया। 

प्रसव वेदना के संघर्षों के बीच उसे कहाँ पता था कि सरकार ने उनके गांव तक पंहुचने के लिए सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का भी विस्तार नहीं किया है जहाँ आवागमन सुगम हो सके। यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले की है जहाँ मैनपाट के अंतिम छोर पटपटरिया गाँव के पनही पकना में आज भी पंहुच मार्ग नहीं है जिसके कारण यह ईलाका आज भी पंहुच विहीन बना हुआ है।
आपको बता दें कि पहाड़ी कोरवा विशेष संरक्षित जनजाति के हैं जिन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के रुप में जाना जाता है,जिनके लिए केंद्र व् राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जाती है।इसके बावजूद ये विकास की जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं जिससे इनके उत्थान के लिए बनी योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान लग रहा है। 

फिलहाल  जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं वहीँ शासन के विकास के दावों को पोल खुलती हुई नजर आ रही है 

देखें वीडियो

Post a Comment

0 Comments

पत्रवार्ता में अपनी ख़बरों के लिए 7000026456 पर व्हाट्सप करें

जशपुर : ये है जल जीवन मिशन की हकीकत!देखिए ग्राउंड रिपोर्ट