... BIG BREAKING:" अजीत जोगी " "आदिवासी "नहीं ? जाति मामले में "हाईपावर कमेटी" की REPORT, "अमित जोगी" ने कहा - उच्च व सर्वोच्च न्यायालय में देंगे चुनौती..

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BIG BREAKING:" अजीत जोगी " "आदिवासी "नहीं ? जाति मामले में "हाईपावर कमेटी" की REPORT, "अमित जोगी" ने कहा - उच्च व सर्वोच्च न्यायालय में देंगे चुनौती..







रायपुर,26 अगस्त 2019,टीम पत्रवार्ता

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति मामले की जांच कर रही हाईपावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। खबर है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना है। हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी के सभी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया है। कमेटी ने तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी। 

बताया जा रहा है, हाईपावर कमेटी ने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) नियम 2013 के नियम 23 (3) एवं 24 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के लिए बिलासपुर कलेक्टर को निर्देशित किया है। वहीं नियम 2013 के नियम 23(5) के प्रावधानों के तहत उप पुलिस अधीक्षक को प्रमाण पत्र जप्त करने के निर्देश दिए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले दिनों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की डिवीजन बेंच ने अजीत जोगी की उस याचिका को खारिज किया था, जिसमें उन्होंने हाईपावर कमेटी के समक्ष पेश होने की नोटिस को खारिज करने की मांग की थी। 


हाईकोर्ट ने अपने आदेश में अजीत जोगी को कमेटी के समक्ष एक महीने के भीतर उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अजीत जोगी ने 21 अगस्त 2019 को हाईपावर कमेटी के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत किया था।

इधर फैसले के सामने आने के बाद अमित जोगी ने कहा है कि, 


भूपेश छानबीन समिति ने कोरे काग़ज़ों में अपने दस्तखत करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंप दिए थे। सुनवाई केवल नौटंकी थी। सभी क़ानूनी प्रक्रियाओं, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और माननीय न्यायालयों के दृष्टान्तों के विपरीत इस बेतुके फ़ैसले को हम उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों में चुनौती देंगे। हमें पूरा विश्वास है कि हमारे साथ अन्याय नहीं होगा।

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