नई दिल्ली (पत्रवार्ता) केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को संविधान से ख़त्म कर दिया है यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को स्वातत्ता देने वाला माना जाता रहा है। वहीँ लद्दाख को केंद्राशासित ईलाके का दर्जा दिया गया है जहाँ कोई विधानसभा नहीं होगी।
भारत देश का अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर भी केंद्र शासित प्रदेश होगा लेकिन यहां विधानसभा भी होगी।बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि
''अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के लिए संविधान संशोधन की ज़रूरत नहीं है। अमित शाह ने संसद को सूचित कर दिया है कि राष्ट्रपति ने पहले ही इसे अधिसूचित कर दिया था।अनुच्छेद 370 की आज मौत हो गई है ''
पहले से बन चुकी थी रणनीति
केंद्रशासित कश्मीर में अहम नेताओं की नज़रबंदी कर दी गई थी वहीँ कश्मीर में धारा 144 भी लागू कर दी गई थी,पर्यटकों और अमरनाथ तीर्थयात्रियों को तत्काल घाटी छोड़ने के आदेश भी दे दिए गए थे जिसके बाद क़यास लगाया जा रहा था कि आख़िर भारत सरकार यहां करने क्या जा रही है ?
इस मामले में न तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ़ से कुछ कहा जा रहा था न तो केंद्र सरकार ने कुछ रुख साफ़ किया था कि आख़िर कश्मीर में क्या होने वाला है ? ख़ुफ़िया सूचना थी कि घाटी में कोई बड़े हमले की आशंका है इसलिए ये क़दम उठाए जा रहे हैं।
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने संविधान की हत्या क़रार दिया
एक ओर जहाँ सरकार के इस फ़ैसले का कांग्रेस विरोध कर रही है।वहीँ दूसरी ओर राज्यसभा में कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि बीजेपी ने अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर संविधान की हत्या की है।अमित शाह ने कहा कि यह बिल ऐतिहासिक है।
सुषमा स्वराज ने किया फैसले का स्वागत
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय बताया।उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''श्रेष्ठ भारत - एक भारत का अभिनन्दन.''
राम माधव ने कहा शहादत को सम्मान
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने ट्वीट कर कहा, ''आज क्या बेहतरीन दिन है। आख़िरकार जम्मू-कश्मीर की अखंडता के लिए हज़ारों शहादत के साथ जिसकी शुरुआत श्यामा प्रसाद मुखर्जी से हुई थी उसे सम्मान मिल ही गया। यह देशवासियों की सात दशक पुरानी मांग थी। क्या कभी किसी ने कल्पना की थी?''
अमित शाह ने कहा जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन
संविधान के अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को संविधान में विशेष दर्जा मिला हुआ था।इसे गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में ख़त्म करने घोषणा कर दी है। इससे पहले प्रधानमंत्री के आवास पर कैबिनेट की बैठक हुई थी।अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का फिर से पुनर्गठन किया गया है। जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है जिसमे जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश होगा जिसमे विधानसभा होगी और दूसरा लद्दाख जहाँ विधानसभा नहीं होगा।
कश्मीर को मिला विशेष दर्जा ख़त्म
भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान था।इसके साथ ही सुरक्षा और विदेश मामलों को छोड़कर हर फ़ैसला लेने का अधिकार था उसे प्राप्त था अब संविधान के इस हिस्से के हटने से संविधान से कश्मीर को मिला विशेष दर्जा ख़त्म हो गया है। 1947 में स्वायतत्ता के आधार पर ही कश्मीर भारत के साथ आया था।
कश्मीर में 370 ख़त्म होने के साथ ही ये फ़ैसला
जम्मू-कश्मीर अब राज्य नहीं रहा। यह दो केंद्र शासित प्रदेश बन गया है जो दो लेफ्टिनेंट गवर्नर से शासित होगा।लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां कोई विधानसभा नहीं होगी और जम्मू-कश्मीर में एक विधानसभा होगी। पहले अनुच्छेद 370 के कारण केंद्र सरकार को राज्य की विधानसभा से नीतिगत स्तर पर कोई फ़ैसला लेने के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी।
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