जशपुर (पत्रवार्ता) बिजली बिल हॉफ करने वाली सरकार में बिजली जुड़वाने की अदावत करना दो युवकों को महंगा पड़ गया।युवकों का दोष बस इतना था कि उन्होंने बिजली विभाग के कर्मचारियों को अपने गांव की बिजली चालू करने की मांग की।
मामला है बगीचा जनपद के पण्ड्रापाठ का जहां नवापारा,जाड़ाकाेना बस्ती में पिछले 6 दिन से बिजली नहीं है। आज सुबह ग्रामीणाें ने जब बिजली लाने की पहल शुरु की तो गांव के दो युवक शिवशम्भु यादव और जितेन्द्र यादव पण्ड्रापाठ पावर हाऊस गये।जहां बिजली कर्मचारियों काे बताया कि उनके इलाके में 6 दिनों से लाईट नहीं है।उन्होंने लाईट बनाने की मांग की।
इतना सुनते ही बिजली कर्मचारी तैश में आ गए और कहा हम लाेग अभी साे रहे हैं और जब हमारे अधिकारी हमें आदेश करेंगें तब हम लाईट चालु करेंगें,ज्यादा बाेलाेगे ताे हमारे अधिकारी तुम लाेगों काे अन्दर करा देंगें।
अंदर कराने की बात कहते ही उन्होंने विभाग के जेई को फोन कर दिया और उन दाेनों ग्रामीणाें काे जेई के कहने पर सुबह 9 बजे से 12 बजे तक पण्ड्रापाठ पुलिस चाैकी में जबरन बैठा दिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि पण्ड्रापाठ पावर हाऊस में 3 से चार लाेग का ड्यूटी पर रहते हैं।हमेशा कर्मचारी दिन भर शराब की नशे में रहते हैं। ग्रामीण यदि लाईट की समस्या लेकर उनके पास जाते हैं ताे पहले लाईन बनाने के एवज में पैसे की मांग की जाती है।
जब ग्रामीणाें काे पता चला कि कुछ लड़काें काे पुलिस चाैकी में बैठाया गया है तब कुछ ग्रामीण चाैकी पंहुच गये और ग्रामीणाें के कहने पर दाेनाे लड़काे काे छुडा़या गया।
फिलहाल मामले में दोनो युवक डरे हुए हैं और ग्रामीण इस घटना से खासे आक्रोशित हैं।खबर लिखे जाने तक विद्युत विभाग द्वारा सप्लाई चालू करा दी गई है।
मामले में विभागीय अधिकारी डीई आर के भास्कर ने बताया कि यदि ऐसी घटना हुई है तो यह बेहद गलत है।मामले की जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
आरके भास्कर,ईई
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