... ब्रेकिंग: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को नहीं मिली मदद,10 किलोमीटर कंधे पर ढोकर लाया अस्पताल,चाचा भतीजा पर टांगी से हुआ था हमला।

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ब्रेकिंग: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को नहीं मिली मदद,10 किलोमीटर कंधे पर ढोकर लाया अस्पताल,चाचा भतीजा पर टांगी से हुआ था हमला।


By योगेश थवाईत

जशपुर (पत्रवार्ता) शासन की तमाम योजनाओं के बावजूद जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवा स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं।दुर्दशा इतनी भयावह है कि पहाड़ी कोरवा मरीज को अस्पताल आने के लिए एम्बुलेंस तक मय्यसर नहीं।


ताजा मामला है सन्ना के ब्लादरपाठ का जहां पहाड़ी कोरवा जनजाति के रुईला(50) पिता मंगरु व जितवा (35) पिता सोरठा पर गांव के बंधु कोरवा ने किसी बात को लेकर टांगी से हमला कर दिया।इस हमले में चाचा रुईला व भतीजा जितवा घायल हो गए।

टांगी के प्रहार से रुईला गंभीर रूप से घायल हो गया 
जिसके ईलाज के लिए एम्बुलेंस 108 व किसी 
अन्य वाहन की मदद नहीं मिली।जिसके 
बाद गांव के बसंत व सुनील पारंपरिक झलंगी भार 
की मदद से कंधे पर ढोकर लगभग 10 किलोमीटर 
का पैदल सफर तय कर सन्ना थाना पंहुचे।
जहां से उसे सन्ना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में
 ईलाज के लिये भर्ती कराया गया।

आपको बता दें कि बीजेपी शासन काल में इसी इलाके में पहाड़ी कोरवा लंबू राम की भूख से हुई मौत के बाद वर्तमान सीएम भुपेश बघेल खुद मौके पर पंहुचे थे और बीजेपी सरकार को घेरा था जिसके बाद रमन सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी।

वीडियो देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जशपुर जिले के पाठ क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा किस बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं।भले ही सरकार किसी की भी हो पर पहाड़ी कोरवाओं की यह नियति है कि उन्हें बदहाली का जीवन ही गुजारना पड़ेगा।

देखें वीडियो




फिलहाल पहाड़ी कोरवा रुईला को बेहतर इलाज के लिए बगीचा मुख्यालय भेजे जाने की खबर है।वहीं 10 किलोमीटर किसी मरीज को कंधे पर ढोकर अस्पताल लाना स्थानीय जनप्रतिनिधियों समेत वहां के सरकारी कर्मचारी समेत पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान लगाता ? वह भी तब जब केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं के लिए करोड़ों की योजनाएं कागजों में बनी हुई है।



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