बिलासपुर(पत्रवार्ता.कॉम) चिटफंड घोटाले को लेकर जिले की राजनीति उफान पर है। मंगलवार को प्रदेशभर से तकरीबन 15 हजार अभिकर्ताओं ने प्रादेशिक सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसके बाद चकरभाठा थाने का घेराव कर एक घंटे तक पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मंत्रियों, आला अधिकारियों व पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया। अभिकर्ता संघ के पदाधिकारियों ने अपने वकील के जरिए थाना प्रभारी के समक्ष 400 पेज का दस्तावेजी प्रमाण सौंपते हुए पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल, पूर्व गृहमंत्री पैकरा सहित आधा दर्जन आला अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की ।
सम्मेलन के दौरान निर्णय लिया गया कि चिटफंड कंपनियों को सह देने और 20 लाख परिवार को कंगाल करने में भूमिका निभाने वाले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.सिंह,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल,पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया जाए। निर्णय के बाद सबकी सहमति बनी और सभी ने चकरभाठा थाने की ओर कूच किया। पुलिस बल की तैनाती के बीच लोगों की भीड़ सीधे थाना परिसर पहुंची व पूर्ववर्ती भाजपा सरकार व पूर्व सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । नारेबाजी के बाद वकील देवर्षि ठाकुर व वकील जुगलकिशोर पांडेय के साथ अभिकर्ता संघ के प्रदेश पदाधिकारी थाना प्रभारी के पास पहुंचे। गड़बड़ियों से संबंधित करीब 400 पेज के दस्तावेजी प्रमाण पेश करते हुए एफआइआर दर्ज करने की मांग की ।
अभिकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री ,नेता प्रतिपक्ष कौशिक,पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा सहित अन्य के खिलाफ भादवि की धारा 420,467,468,471,201,120 बी,306 एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2)(डी) छग निक्षेपों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2005 व अन्य संबंधित धाराओं में अपराध पंजीबद्घ कर एफआइआर दर्ज करने की मांग की है।
इस दौरान बिलासपुर व मुंगेली जिले से करीब 8 हजार अभिकर्ताओं की मौजूदगी सम्मेलन स्थल पर रही । इसे लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मी भी तेज हो गई है। भाजपा व गैर कांग्रेस दलों में इस बात की चर्चा भी शुरु हो गई है कि मौजूदा लोकसभा चुनाव में अभिकर्ताओं की अहम भूमिका रहने वाली है। अभिकर्ताओं की मौजूदगी और कड़े रुख को देखते हुए प्रमुख कांग्रेसी रणनीतिकार जहां अच्छी संभावनाएं देखने लगे हैं वहीं पूर्व सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने से भाजपाई रणनीतिकारों की धड़कनें भी बढ़ने लगी है।
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