चेन्नई(पत्रवार्ता) शंकर आईएएस एकेडमी के फाउंडर और सीईओ प्रोफेसर शंकर देवराजन ने 45 साल की उम्र में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव चेन्नई के माइलपुर में उनके निवास पर मृत पाया गया। शंकर देवराजन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक उन्होंने निजी कारणों से आत्महत्या की है। बता दें कि देवराजन तमिलनाडु में शंकर आईएएस अकेडमी के लिए मशहूर थे। जिसकी शुरुआत साल 2004 में की गई। मिली जानकारी के अनुसार पड़ोसी 11 अक्टूबर को देर रात शंकर को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने कहा कि आत्महत्या से पहले शंकर का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था।साल 2004 से अब तक उनकी अकैडमी ने 900 से ज्यादा सिविल सर्वेंट दिए हैं। छात्रों के बीच शोक का माहौल है। शंकर देवराजन ने 2004 में अन्ना नगर, चेन्नै में शंकर आईएएस अकेडमी की शुरुआत की थी। ये राज्य की पहली अकेडमी थी जिसका लक्ष्य आईएएस और आईपीएस उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना है।
अकेडमी में खासतौर पर पिछड़े समुदायों के लोगों पर खास ध्यान दिया जाता था। ताकि वह भविष्य में सफलता हासिल कर सकें। शंकर देवराजन के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। कृष्णगिरी के रहने वाले शंकर एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जिनका परिवार खेती करता था।जिसने देश को 900 से ज्यादा आईएएस और आईपीएस के लिए प्रशिक्षित किया उसके इस कदम ने हर किसी को सोचने पर विवश कर दिया है ....
पुलिस ने कहा कि आत्महत्या से पहले शंकर का अपनी पत्नी से झगड़ा हुआ था।साल 2004 से अब तक उनकी अकैडमी ने 900 से ज्यादा सिविल सर्वेंट दिए हैं। छात्रों के बीच शोक का माहौल है। शंकर देवराजन ने 2004 में अन्ना नगर, चेन्नै में शंकर आईएएस अकेडमी की शुरुआत की थी। ये राज्य की पहली अकेडमी थी जिसका लक्ष्य आईएएस और आईपीएस उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना है।
अकेडमी में खासतौर पर पिछड़े समुदायों के लोगों पर खास ध्यान दिया जाता था। ताकि वह भविष्य में सफलता हासिल कर सकें। शंकर देवराजन के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। कृष्णगिरी के रहने वाले शंकर एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जिनका परिवार खेती करता था।जिसने देश को 900 से ज्यादा आईएएस और आईपीएस के लिए प्रशिक्षित किया उसके इस कदम ने हर किसी को सोचने पर विवश कर दिया है ....
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