रायपुर(पत्रवार्ता) भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में हर हाल में चौथी पारी खेलने के लिए आतुर है।इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं को 65 प्लस का लक्ष्य दिया है।जिसके साथ स्पष्ट निर्देश है कि जीत के लिए भले ही मंत्रियों और विधायकों का टिकट काटना पड़े,टिकट जीतने वाले उम्मीदवार को ही दिया जाना चाहिए।
पार्टी अध्यक्ष के इस फरमान
ने कई विधायकों के होश फाख्ता
कर दिए हैं।शाह की इस रणनीति
पर बीजेपी के लगभग 30 विधायकों
के साथ 4 मंत्रियों को इस बार
टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है।
दरअसल प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर बीजेपी ज्यादा सतर्क नजर आ रही है।जिसके लिए पार्टी ने कल सभी सीटों पर अपने पदाधिकारियों से उम्मीदवार के रूप में 3-3 नामों का गुप्त मतदान कराया।
हांलाकि यह गुप्त मतदान पार्टी पदाधिकारियों के मन को टटोलने का प्रयास है।जिसके माध्यम से सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले नाम प्रदेश चुनाव समिति को सौंपे जाएंगे।
चुनाव समिति की बैठक मंगलवार को होनी है।चुनाव समिति की सिफारिश लेकर मुख्यमंत्री रमन सिंह और प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक,सौदान सिंह और पवन साय के साथ17 -18 अक्टूबर को दिल्ली जाएंगे और केंद्रीय चुनाव समिति के साथ सामंजस्य स्थापित कर एक एक नाम तय करेंगे।
90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की पहली सूची 20 अक्टूबर को घोषित किए जाने के संकेत हैं।इसमें प्रथम चरण के 18 सीटों के नाम होंगे।
शाह की रणनीति के अनुसार यदि संगठन की कैंची चली तो इस बार पार्टी चार वर्तमान मंत्रियों के साथ 30 विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है। जिन चार मंत्रियों को टिकट नहीं मिलेगी,उनमें गृहमंत्री रामसेेवक पैकरा,खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े और संस्कृति मंत्री दयालदास बघेल के अलावा एक अन्य नामी मंत्री को टिकट नहीं देने की खबर सामने आ रही है।
प्रदेश में जिन सिटिंग एमएलए की टिकट कट सकती हैं उनमें जशपुर विधायक राजशरण भगत,रोहित साय, शिवशंकर साय पैंकरा,लखन देवांगन,रामलाल चौहान,रूपकुमारी चौधरी, चुन्नीलाल साहू,श्रीचंद सुंदरानी,संतोष उपाध्याय,अशोक साहू, सरोजनी बंजारे,बद्रीधर दीवान समेत 30 विधायकों के नाम शामिल हैं।
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