By प्रदीप ठाकुर।
एसबीआई के मैनेजर द्वारा मनमानी ..?
क्या कहते हैं अधिकारी
इस पूरे मामले पर एसबीआई पत्थलगांव के बैंक मैनेजर अवसरिया से फोन पर संपर्क किया गया तो पहले उन्होंने फोन काट दिया दुबारा लगाने पर उनका कहना है कि किसानों के संबंध में मैंने ऐसा कुछ नही कहा है सभी बातें गलत है साथ ही मशीन को अन्यत्र स्थापित करने के मामले में ऊपर के अधिकारियों का हवाला देते हुए और अधिकार का जिक्र करते हुए बिना पूरी बात के फोन काट दिया ।
बहरहाल अब देखना होगा कि एसबीआई के उच्चाधिकारी ऐसे गंभीर मामलों में किस प्रकार की कार्यवाही करते हैं।
पत्थलगांव(पत्रवार्ता.कॉम) पत्थलगांव स्थित स्टेट बैंक में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा। दरअसल कई मामले सामने आने के बाद सोशल मीडिया में ब्रांच मैनेजर समेत स्टेट बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े किये जा रहे हैं जो बेहद गंभीर हैं ।जिस स्टेट बैंक को ग्राहकों के साथ अच्छे व्यवहार के लिए जाना जाता है उसी स्टेट बैंक मैनेजर के गैर जिम्मेदारना व्यवहार ने सारे नियमों को ताक में रखते हुए एसबीआई के सिद्धांतों की धज्जियाँ उड़ा दी है जिसपर यहाँ के लोग कार्यवाही की मांग कर रहे हैं ।
मामला तब और भी गंभीर हो गया जब मैनेजर साहब ने जिले के चिन्हित किसान मनोज अम्बस्थ को लोन देने से मना कर दिया।हांलाकि मैनेजर साहब की मनमानी है किसे वे लोन देंगे किसे नहीं देंगे ...यह उनके अधिकार में है।
फिलहाल साहब के गैर जिम्मेदाराना बयान को लेकर खूब चर्चा हो रही है। कृषक को बैंक मैनेजर अमरचंद अवसरिया के द्वारा केसीसी लोन के संबंध में इंकार कर राष्ट्रपति के आदेश को चैलेंज करते हुए किसानों को नही दूंगा लोन संबंधी एक बयान सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हो रहा है।
गौरतलब है कि पत्थलगांव स्टेट बैंक में इस तरह के अधिकारियों के रवैये की खबर पहले भी आ चुकी है जिसका पूर्व में व्यापारियों द्वारा जमकर विरोध भी किया गया था लेकिन इस बार के किसान वाले मुद्दे ने पूरी तरह से खलबली मचा कर रख दी है।
मिली जानकारी के अनुसार अन्य कई मामलों में भी मैनेजर द्वारा मनमानी की जा रही है बैंक के सामने एक होटल में लगाई गई मुद्रा जमा करने वाली कैश डिपॉजिट मशीन को भी मनमाने ढंग से कहीं अन्यत्र स्थापित किए जाने की खबर है वहीँ भवन मालिक के साथ हुए एग्रीमेंट में खाली कराने हेतु 3 महीने पूर्व नोटिस देने का अनुबंध किया गया है लेकिन उसके विपरीत मालिक को 1 महीने का ही समय दिया गया है वह भी पेन से सुधारकर जिससे नियम कानूनों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं जब भवन मालिक ने नोटिस लेने से इनकार किया तो नोटिस को डाक द्वारा भेज दिया गया जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि मैनेजर बिना सूचना,प्रकाशन,निविदा के बिना किसी को लाभ पहुंचाने के मकसद से तो ऐसा नही कर रहे ?
जानकार बताते हैं कि इस तरह भवन बदलने खुली निविदा आमंत्रित किये जाने का प्रावधान है जिसका अखबारों में भी प्रकाशन होता है अब भगवान ही जाने की मैनेजर साहब के पास ऐसा कौन सा नियम है जो कई संदेहों को जन्म भी दे रहा है हालांकि भवन मालिक द्वारा इस तरह गलत तरीके से नोटिस दिए जाने के मामले में कोर्ट जाने की बात भी कही गई है ।
इस पूरे मामले पर एसबीआई पत्थलगांव के बैंक मैनेजर अवसरिया से फोन पर संपर्क किया गया तो पहले उन्होंने फोन काट दिया दुबारा लगाने पर उनका कहना है कि किसानों के संबंध में मैंने ऐसा कुछ नही कहा है सभी बातें गलत है साथ ही मशीन को अन्यत्र स्थापित करने के मामले में ऊपर के अधिकारियों का हवाला देते हुए और अधिकार का जिक्र करते हुए बिना पूरी बात के फोन काट दिया ।
बहरहाल अब देखना होगा कि एसबीआई के उच्चाधिकारी ऐसे गंभीर मामलों में किस प्रकार की कार्यवाही करते हैं।
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