- (योगेश थवाईत)
रायपुर(पत्रवार्ता .कॉम)" हम भी मेहनतकश मजदुर हैं जो देश के भविष्य को गढ़ने का अथक परिश्रम करते हैं।अब बारी है पारिश्रमिक की लिहाजा सरकार ने पारिश्रमिक देने का खास दिन चुना है 1 मई ..जी हां अंतर्राष्ट्रीय मजदुर दिवस।"इस दिवस की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हमें अपने परिश्रम का परिणाम मिल जाएगा।ये वक्तव्य हैं प्रदेश संचालक शिक्षक पंचायत ननि मोर्चा वीरेन्द्र दुबे के जिन्होंने आगामी बैठक के बारे में बताया और सरकार से मांग की कि इस दिन उन्हें पारिश्रमिक रुप संविलियन की स्वीकारोक्ति मिल जाए।
"उल्लेखनीय है की आर या पार की लड़ाई के रणनीति के लिए संघ के आला नेता 24 अप्रैल को बैठक की घोषणा कर चुके हैं जिसके बाद से सरकार हरकत में आई और पंचायत संचालक तारण प्रसाद सिन्हा ने मुख्य सचिव के कक्ष में बैठक के लिए संघ के नेताओं को आमंत्रित किया है।"
प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मीयों के संविलियन की मांग को लेकर प्रदेश संचालक वीरेन्द्र दुबे ने बताया कि
शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर क्या हो सकता है इस विषय पर काफी विचार विमर्श हो चूका है सरकार द्वारा लिए गए समय से भी अधिक समय बीत चूका है ऐसे में अब बारी है तो बस परिणाम की जिसके लिए सभी तैयार हैं। आगामी 1 मई की बैठक अंतिम हो और उम्मीद है की सरकार आगामी चुनाव के मद्देनजर कोई ठोस निर्णय लेगी ताकि मेहनतकश शिक्षाकर्मियों को उनका वास्तविक पारिश्रमिक मिल सके और सरकार को लाखों शिक्षाकर्मियों का साथ।
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