जशपुर,टीम पत्रवार्ता,14 जुलाई 2022
योगेश थवाईत
चिरायु जशपुर के नोडल अधिकारी डॉ पुष्पेंद्र सोनी के विरुद्ध महिला आयुष चिकित्सा अधिकारी द्वारा किये गए मानसिक व शारीरिक शोषण के लिए दबाव बनाने की शिकायत पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी,कार्यालय द्वारा जारी पत्र कमांक 5013 / स्वा. / 2022 जशपुर, दिनांक 13/07/22 के अनुसार अपर कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में उक्त मामले की जाँच के लिए जाँच टीम का गठन किया गया है।
14 जुलाई को तय समय 12:00 से उक्त मामले की जाँच शुरु कर दी गई है,महिला उत्पीड़न सेल समिति में नवपदस्थ डिप्टी कलेक्टर सुश्री श्यामा पटेल (प्रशासनिकअधिकारी)जशपुर,डॉ.मधुलिका श्रीवास्तव,अस्थि रोग विशेषज्ञ (पीठासीन अधिकारी),डॉ. रंजीत टोप्पो,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी (सचिव)डॉ आरएन केरकेट्टा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक (सदस्य),डॉ आरएस पैंकरा (नोडल अधिकारी टीकाकरण / कुष्ठ (सदस्य )सुश्री स्मृति एक्का जिला कार्यक्रम प्रबंधक ( सदस्य )श्रीमती बी कुजर,सहायक सांख्यिकी अधिकारी ( सदस्य ),श्रीमति निधि सिंह,जिला एचआर प्रबंधक ( सदस्य ),श्रीमति मनीषा कुजूर, प्रभारी जिला मीडिया अधिकारी (सदस्य),सुश्री सगीरा बानो, अधिवक्ता ( सदस्य ) शामिल हैं जो मामले में पीड़िता का कथन ले रहे हैं।
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मामले की जाँच के लिए महिला सेल ने शिकायत करने वाले एक महिला कर्मचारी को बयान के लिए बुलाया है जिसको लेकर अन्य शिकायतकर्ताओं ने सवाल खड़े किए हैं ।दरअसल कलेक्टर को शिकायत करने वाले आधा दर्जन कर्मचारी हैं जो मामले से सम्बन्ध रखते हैं। शिकायतकर्ताओं में 2 महिला कर्मचारी और शेष पुरुष कर्मचारी हैं। हांलाकि महिला सेल की जाँच में महिला सम्बन्धी जाँच होगी और महिला उत्पीड़न के मामले में विधिवत जाँच होगी जबकि पुरुषों का अब तक बयान नहीं लिया गया है जिसको लेकर शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उनका भी बयान लिया जाना चाहिए।
शिकायत करने वाली महिला चिकित्सक ने कहा है कि उनपर समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा है जबकि वे मामले में समझौता नहीं चाहती हैं। उन्होंने दोषी चिकित्सक पर कार्यवाही की मांग की है।
बहरहाल मामले की जाँच महिला उत्पीड़न सेल समिति द्वारा की जा रही है जिसका जाँच प्रतिवेदन जिला कलेक्टर को सौंपा जाना है। इसके बाद ही मामले में कुछ स्पष्ट हो सकेगा।फिलहाल शिकायतकर्ता चिकित्सक अपने साथ हुए प्रताड़ना को लेकर कार्यवाही की मांग पर अड़ी हुई है।
महिला उत्पीड़न सेल समिति की प्रमुख डिप्टी कलेक्टर सुश्री श्यामा पटेल ने बताया कि महिला उत्पीड़न के मामलों की जांच बेहद गंभीरता से की जाती है। काउंसलिंग के माध्यम से दोनों पक्षों के बयान के बाद ही आगे की कार्यवाही होती है। सम्बंधित महिला कर्मचारी का बयान लिया जा रहा है,समिति के किसी भी सदस्य द्वारा समझौते के लिए कोई दबाव नहीं दिया जा रहा है। स्वतंत्र बयान के साथ महिला उत्पीड़न की जाँच की जा रही है।
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