जशपुर,टीम पत्रवार्ता,24 मार्च 2021
BY योगेश थवाईत
नसबंदी के नाम पर जशपुर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिलाओं को शर्मसार करने के बाद जब बेरहम सिस्टम ने उनपर कोरोना नियमों का हवाला देकर एफआईआर करा दिया तब प्रशासन के इस कारनामे ने राज्य सरकार की पोल खोल कर रख दी।जब मामले का पता किया गया तो यह बात सामने आई कि स्वास्थ्य विभाग ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिये यह पूरा खेल किया और उल्टे नसबंदी कराने वाली महिलाओं के खिलाफ कलेक्टर को गलत जानकारी देकर तहसीलदार के माध्यम से उनपर एफआईआर करा दिया।
सोशल मीडिया और खबरों के माध्यम से जब जिले के कलेक्टर महादेव कावरे को सच्चाई का पता चला तो उन्होंने तत्काल तहसीलदार को एफआईआर वापस लेने का आदेश जारी कर दिया।अब मरीज महिलाओं और उनके परिजनों पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।
वहीं जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे ने महिलाओं की शिकायत और उत्पन्न उक्त परिस्थिति को लेकर सीएचएमओ डॉ पी सुथार, सीएस डॉ खाखा व संबंधित डॉक्टर उषा लकड़ा के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने इसे बेहद संवेदनशील मुद्दे बताते हुए कहा है कि मामले में नोटिस के जवाब आने के उपरांत जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जिला प्रशासन गंभीर है लेकिन आवश्यक है कि वर्तमान में कोरोनावायरस के प्रकोप को लेकर सतर्कता बरती जाए और ऐसी कोई भी गतिविधि ना हो जिससे कोरोना संक्रमण और भी भयावह रूप ले।उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर शासन प्रशासन के द्वारा जारी निर्देशों का नियम का पालन करें अन्यथा इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बरहाल महिलाओं के विरुद्ध अपराध दर्ज वापस होने के बाद महिलाओं ने राहत की सांस ली है वहीं प्रशासन के इस पहल की सराहना भी की जा रही है।
कलेक्टर महादेव कावरे ने पत्रवार्ता को यह भी बताया कि वर्तमान समय कोरोनावायरस से सतर्क रहने का है अन्यथा इसका दुखद परिणाम होगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है और सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जांच बेहतर हो पाए इसके साथ ही टीकाकरण को लेकर भी नियमित निगरानी रखी जा रही है। लेकिन इसमें आम लोगों का यदि पूर्ण सहयोग मिलता है तो कोरोना को निश्चित रूप से हम पांव पसारने नहीं देंगे।
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