जशपुर,टीम पत्रवार्ता,28 जनवरी 2021
By योगेश थवाईत
जशपुर जिले की सरकारी वेबसाईट में जनजातीय समाज को लेकर आपत्तिजनक बातों के प्रकाशन को लेकर जनजातीय समाज कार्यवाही की मांग को लेकर लामबंद हो गया है।सैकड़ों की संख्या में विशेष जनजातीय समाज ने महामहिम राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा वहीँ सिटी कोतवाली में दोषियों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है।
जशपुर के जनजातीय समाज के लोगों ने ज्ञापन में बताया है कि जशपुर जिले की सरकारी वेबसाईट के पर्यटन प्रभाग में संस्कृति व विरासत में जनजातीय समाज को लेकर कई आपत्तिजनक बातों का उल्लेख किया गया है।उक्त लेख में उरांव जनजाति की रूढी प्रथा व् परम्परा व् संस्कृति के विरुद्ध कई आपत्तिजनक बातें लिखे जाने का उल्लेख है।
ज्ञापन में जिले के अन्य वर्ग के लोगों व जनजाति समाज के प्रतिष्ठा के विरुद्ध बातें लिखे जाने की बात कही गई है।आपत्ति करते हुए शासन प्रशासन पर यह आरोप भी लगाया गया है कि समुदाय विशेष के द्वारा जानबूझकर जशपुर में निवासरत जनजातियों को धर्मान्तरित करने के लिए समुदाय विशेष का महिमामंडन किया गया है।जिससे लोग समुदाय विशेष की और आकर्षित हों।
अनुसूचित जनजाति उंराव समाज के संस्कृति को विकृत करते हुए यह कृत्य अनुसूचित जनजाति,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का भी उलंघन बताया गया है।उक्त लेख से दो वर्गों के बीच विद्वेष फैलाने वाले दोषी अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग जनजातीय समाज ने की है।
"मामले में जिला कलेक्टर महादेव कावरे ने पत्रवार्ता को बताया कि जशपुर जिले के वेबसाईट में कुछ बातों को लेकर जनजातीय समाज ने आपत्ति की है।यह जाँच का विषय है,आईटी एक्सपर्ट के माध्यम से मामले की जाँच कराई जाएगी,जाँच के बाद तथ्य सामने आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।"
जनजातीय समाज की आपत्ति के बाद फिलहाल जिले की सरकारी वेबसाईट से उक्त आपत्तिजनक कंटेंट्स को हटा दिया गया है वहीँ मामले में एनआईसी के डीआईओ अजीत कुमार ने बताया कि वेबसाईट में प्रकाशित लेख पूर्व से ही डाले गए हैं कंटेंट्स के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है।जनजातीय समाज के द्वारा उनकी परंपरा संस्कृति को लेकर जानकारी दी जा रही है जिसके बाद उसे अपडेट किया जाएगा।
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