बिलासपुर/पेंड्रा,छत्तीसगढ़ 21 अगस्त 2019 (पत्रवार्ता) प्रदेश में बीते दिनों पुलिस कस्टडी में हुए मौत का मामला थमा नहीं कि न्यायिक अभिरक्षा में एक और विचाराधीन कैदी की मौत का मामला सामने आया है।मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए जेल प्रबंधन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है।इस मौत के बाद प्रदेश की जेलों में पसरे अव्यवस्था के कारण बंदियों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
मामला है छत्तीसगढ़ के पेंड्रारोड उप जेल का जहाँ एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में 24 घंटे के अन्दर मौत हो गई।मृतक को दो दिन पहले ही गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया गया था।गिरफ्तारी के बाद से लगातार उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई।कल रात तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे बिलासपुर रिफर किया गया जहां रतनपुर के पास एंबुलेंस में ही उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने मौत के पीछे पुलिस पिटाई और जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।जेल के चिकित्सक की मानें तो जेल दाखिले के पूर्व डॉक्टरी परीक्षण में लापरवाही बरती गई जिसके कारण दो दिनों के भीतर उसकी मौत हो गई।
पूरा मामला मरवाही थाना क्षेत्र का है जहां देवगवा निवासी रघुनाथ गोंड़ के खिलाफ न्यायालय ने वारंट जारी कर रखा था जिसकी तामिली में मरवाही पुलिस के तीन सिपाहियों ने देर रात रघुनाथ गोंड़ को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।जहां से न्यायिक रिमांड पर उसे जेल भेज दिया गया।इस दौरान मरवाही में उसका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया जहां मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बताकर उसे जेल भेज दिया गया।
जेल दाखिले के दूसरे ही दिन सुबह रघुनाथ अस्वस्थ नजर आने लगा जिसके बाद उसे पेंड्रारोड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परीक्षण के लिए लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस जेल दाखिल कर दिया गया।शाम 5:00 बजे फिर उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ी जिसके बाद एंबुलेंस से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज जेल सुपरिटेंडेंट डॉ एआई मिंज ने किया।
डॉक्टर ने बताया कि रघुनाथ को पेट दर्द के साथ सांस लेने में काफी तकलीफ थी काफी पसीना आ रहा था और डेढ़ घंटे इलाज करने के बावजूद उसकी स्थिति में सुधार होता न देख उसे बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर सिम्स रिफर किया गया जहां बिलासपुर पंहुचने के पहले रतनपुर के पास एंबुलेंस में ही उसकी मौत हो गई।
जवान बेटे की मौत के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।वहीँ परिजन जेल व पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
रघुनाथ की मां का कहना है कि मैंने पुलिस वालों को बताया था कि 2 दिन से उसे बुखार है बावजूद मोटी लाठियों से लैस सिपाहियों ने मेरे बेटे को हुदर दिया,जबकि उसके पहले मेरा बेटा पूरी तरह स्वस्थ था मेरा बेटा कैसे मर गया इसकी जांच की जाए।
मामले में उप जेल अधीक्षक का कहना है डॉक्टर की एमएलसी रिपोर्ट के अनुसार सोमवार की शाम 6:00 बजे के लगभग उसे जेल दाखिल किया गया था जिसमें उसे स्वस्थ बताया गया था पर रात में उसने पेट दर्द बताया जिसके बाद फार्मेसिस्ट से उसे दवा दिलाई गई थी।
दूसरे दिन मंगलवार को फिर उसकी तबीयत खराब हुई और उसे 11:00 बजे अस्पताल भेजा गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया था।फिर देर शाम 5 बजे अचानक उसकी तबीयत तेजी से खराब हुई जिसके बाद उसे फिर से इलाज के लिए एंबुलेंस से भेजा गया था पर रिफर के दौरान बिलासपुर पहुंचने के पहले उसकी मौत हो गई...
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।वहीँ सूत्रों की मानें तो मृतक कैदी के साथ जमकर मारपीट की खबर है जिसके कारण उसे अंदरूनी चोट आई है।फिलहाल पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी कराई गई है वहीँ उच्चाधिकारी जांच की बात कर रहे हैं।
दूसरे दिन मंगलवार को फिर उसकी तबीयत खराब हुई और उसे 11:00 बजे अस्पताल भेजा गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया था।फिर देर शाम 5 बजे अचानक उसकी तबीयत तेजी से खराब हुई जिसके बाद उसे फिर से इलाज के लिए एंबुलेंस से भेजा गया था पर रिफर के दौरान बिलासपुर पहुंचने के पहले उसकी मौत हो गई...
मामले में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए जेल चिकित्सक डॉ एआई मिंज ने के अनुसार यदि कैदी पूरी तरह स्वस्थ होता तो उसकी 24 घंटे के अंदर मौत नहीं होती कहीं ना कहीं कैदी को स्वस्थ बताने वाले डॉक्टर ने लापरवाही बरती है जो जांच का विषय है।
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।वहीँ सूत्रों की मानें तो मृतक कैदी के साथ जमकर मारपीट की खबर है जिसके कारण उसे अंदरूनी चोट आई है।फिलहाल पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम की विडियोग्राफी कराई गई है वहीँ उच्चाधिकारी जांच की बात कर रहे हैं।
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