... ब्रेकिंग पत्रवार्ता :कर्ज माफी हो गई होती तो मेरे पिता जिंदा होते......कटघरे में छत्तीसगढ़ सरकार..? कर्ज से लदे किसान नेता की मौत का मामला।

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता :कर्ज माफी हो गई होती तो मेरे पिता जिंदा होते......कटघरे में छत्तीसगढ़ सरकार..? कर्ज से लदे किसान नेता की मौत का मामला।

मृतक के गृहग्राम चरईडांड से ग्राउंड रिपोर्ट


जशपुर (पत्रवार्ता)यह कोई पहला मामला नहीं जब कर्ज से लदे किसी किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली हो।प्रदेश में पहले भी इस प्रकार के काफी मामले सामने आते रहे हैं।

अंतर बस इतना है की पहले बीजेपी के शासन काल में कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और मौत की जांच की और अब जब कांग्रेस सत्ता में है तो किसान की मौत पर कर्ज माफ करने वाली सरकार सवालों के घेरे में नजर आ रही है।वहीं बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है।

मामला है जशपुर के चरईडाँड़ का जहां भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहन राम निराला ने कर्ज से परेशान होकर 20 जून को गुरुवार की सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।मृतक मोहन राम 70 वर्ष के थे।कुनकुरी पुलिस को 7 पेज का सुसाईड नोट मिला है जिसमें मृतक किसान नेता ने कर्ज व आर्थिक तंगी का उल्लेख किया है।

कुनकुरी एसडीओपी मनीष कुंवर ने मृतक के सुसाइड नोट के आधार पर मृतक पर कर्ज होने की पुष्टि की है।

ग्रामीणों ने बताया की मोहन राम सुलझे हुए व्यक्तित्व में से एक थे और काफी समझदार थे। इसके बाद भी कर्ज तले दबे होने का साफ संकेत उन्होंने अपने सुसाईड नोट में लिखा है।हांलाकि उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार स्वयं को बताया है और किसी को परेशान न करने की बात कही है।

जीवन के अंतिम क्षणों में लिखे गए सुसाईड नोट में किसान के सामने कर्ज के बोझ का स्पष्ट चित्रण है।जिसे मौजूदा सरकार अब तक नहीं समझ सकी है।किसानों की हितैषी माने जाने वाले प्रदेश के मुखिया या उनका कोई भी नुमाइंदा अब तक शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करने नहीं पंहुचा है।वहीं बीजेपी इस मामले को लेकर दिल्ली तक कूच करने की तैयारी में है।

मृतक मोहन के परिवार में उनकी पत्नी मुन्नी बाई व देवमती बाई हैं जिनसे 8 संतान हैं।

पुत्री निर्मला ने बताया कि
यदि उनके पिता का कर्ज 
माफ हो गया होता तो 
आज उनके पिता जिंदा होते


मृतक के पुत्र तुलेश्वर राम,तोषनारायण ने बताया कि सुसाईड नोट में उन्होंने कर्ज का उल्लेख किया है वहीं कुनकुरी इलाहाबाद बैंक से लगभग 1लाख के कर्ज की बात सामने आ रही है।कर्ज के बोझ तले उन्होंने 10हजार व 30 हजार के कर्ज के लिए अपनी जमीन तक गिरवी रख दी और अंततः सुसाईड नोट में उक्त कर्ज के लिए माफी का उल्लेख करते हुए अपनी ईहलीला समाप्त कर ली।

जिस सुसाईड नोट का उल्लेख है उनमें जिन बातों का उल्लेख है वह आपके सामने है।वाकई कर्ज की मार एक किसान के लिए कितनी घातक होती है शायद इसे देखकर आप भी समझ जाएं.......

1 बेटी पूर्णिमा,निर्मला
"मुझे माफ़ करना।मेरे जाने के बाद बांसपतरा सिस्टर लोगों से मिलकर माता मरियम के शरण मे जाना जिंदगी आगे बढ़ जाएगी।"

2 बाबू कैलाश गुरुजी
"बंधक जमीन छोड़ देना।मैं पैसा वापस नहीं कर सका।उतना पैसा जाने से तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा।"


3 बाबू शशि गुरुजी
मैं तुम्हारा पैसा वापस नहीं कर सकूंगा।बंधक जमीन छोड़ देना,उतना पैसा से तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा।"


4 फस्टन/मनबहाल निराला
"मेरा केसीसी इलाहाबाद बैंक कुनकुरी का है।शासन से केसीसी माफ हो जाएगा तब बैंक से ऋण पुस्तिका लाकर घर में दे देना ।डाक्टर साहब को लाकर पी एम करा देना।


5 थानेदार कुनकुरी
"किसी को परेशान न करें, मैं स्वयं जिम्मेदार हूं।"


6 डॉ इंदवार जी दुलदुला
" मेरे कहने पर कई लोगों का पीएम आप स्पॉट पर किए हैं।मेरे प्रकरण में कोई शक नहीं मैं स्वयं जिम्मेदार हूं।मेरी अंतिम इच्छा का ध्यान रखकर स्पॉट पर पी एम कर दीजियेगा"


7 बेटा मुस्तफा तबरेज
"मेरे आशीर्वाद से पैसे कमाए हो। मैं मुर्तुजा भाई के पास जा रहा हूं।सारा खर्च तुम लोगों को करना है।मेरे परिवार को दो माह तक पालन पोषण करना।पैसे भी नहीं मांगना उधार भी नहीं लिखना "


तुम्हारा चाचा,मोहन निराला (मृतक)


फिलहाल उक्त मामले को लेकर प्रदेश की सियासत में खासा उबाल है वहीं बीजेपी के वरिष्ठ भाजपा नेता ओपी साय,पूर्व विधायक भरत साय,जिला महामंत्री भरत सिंह,संतोष सिंह,पूर्व विधायक रोहित साय उक्त मामले की जांच के लिए परिवार से मिलने पहुंचे।यहां उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर कई तथ्यों पर जांच पड़ताल की।बीजेपी ने उक्त मामले में मौजूदा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।

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