By योगेश थवाईत
रायपुर(पत्रवार्ता) छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष के विधायकों के व्यवहार से कोई इतना दुःखी हो गया कि उसे रोने पर मजबूर होना पड़ गया।हम बात कर रहे हैं बीजेपी सरकार के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की।
नई सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया।कुल 10 हजार 3 सौ 95 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित किया गया। बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार गहमागहमी देखने को मिली।
इस दौरान बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल सदन में रो पड़े।अग्रवाल ने कहा कि देश के प्रजातांत्रिक इतिहास में पहली बार ऐसी दुर्भाग्य जनक घटना हुई कि विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन और उनके वापस आने पर उपहास उड़ाया गया।
सीएम भूपेश बघेल के भाषण के बीच ही कर्जमाफी को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सदन में नारेबाजी करने लगे,अन्य विपक्षी सदस्य भी साथ हो लिए।सीएम बघेल भाषण देते रहे,विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।
विपक्षी नेता जब लौटे तो सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने अपमानजनक टिप्पणी कर दी जिससे बृजमोहन नाराज हो गए। उन्होंने माफी मांगने को कहा।
बृजमोहन से कवासी लखमा और शिव डहरिया की नोकझोंक होने लगी। विपक्षी गर्भगृह में बैठ गए। स्पीकर डॉ.चरणदास महंत ने विधायकों को निलंबित कर दिया और बाहर जाने को कहा बावजूद इसके सभी वहीं बैठे रहे।
अध्यक्ष ने उन्हें चर्चा के लिए कमरे में बुलाया।सदन की कार्रवाई शुरू होने पर महंत ने निलंबन खत्म कर मर्यादित रहने की सीख दी।
संसदीय कार्यमंत्री रवींद्र चौबे ने घटना के लिए खेद जताया।बृजमोहन ने कहा कि 29 साल के विधायक जीवन में उनसे कभी ऐसा व्यवहार नहीं हुआ। वे आहत हैं कहते-कहते बृजमोहन की आंखों में आँसु भर आए।
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