चलती रही जुलूस, प्रदेश में बिकती रही शराब।
रायपुर(पत्रवार्ता.कॉम) एक ओर जहां सत्य,निष्ठा,न्याय व आदर्श के प्रतीक श्री राम की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही थी वहीं दूसरी ओर छत्तीशगढ़ में सरकारी शराब की बिक्री जोरों पर थी।सबसे बड़ा सवाल आखिर रामनवमी जैसे पवित्र पर्व पर शुष्क दिवस क्यूं नहीं.?इतना ही नहीं रामसेना कहीं उत्पात न मचाये इसके लिए कई शराब दुकानों में बाकायदा पुलिस व प्रशासन के संरक्षण में शराब की बिक्री कराई गई।
गौरतलब है कि रामनवमी पर्व पर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी शराब दुकानों को लेकर कोई निर्देश जारी नही किया गया था लिहाजा पूरे प्रदेश में रामनवमी पर्व पर भी शराब की बिक्री धड़ल्ले से हुई।प्रदेश में ही नही बल्कि केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है बावजूद इसके रामलला के पर्व को वह सम्मान नही मिल पाया जिसकी बदौलत अब तक इतिहास की राजनीति ऊपर उठती आई है।निश्चित ही यह अच्छे दिन के संकेत हैं जब पूरा प्रशासनिक अमला उस राम के आदर्श को ताक पर रखकर पूरी जवाबदेही के साथ शराब की बिक्री कराए।
अब भी राम को विश्वास है कि उसके अच्छे दिन आएंगे,उसे भी वह सम्मान अवश्य मिलेगा,आखिर उसकी रामसेना उनके आदर्श को स्थापित करने के लिए पूरे लगन से जो लगी हुई है।ये रामसेना राम के नाम पर स्वार्थपूर्ति नहीं करती बल्कि निःस्वार्थ भाव से कार्य करती है।अब सरकार को चिंता करने की जरूरत है आखिर सवाल "राम" के नाम का है।
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