जशपुर/फरसाबहार, टीम पत्रवार्ता,18 नवंबर 2025
मानवता को झकझोर कर रख देने वाली एक दर्दनाक घटना ने जशपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी को सामने लाकर खड़ा कर दिया है।फरसाबहार क्षेत्र के पत्रकार मुकेश नायक को अपने नवजात बेटे का शव मोटर साइकिल से घर ले जाना पड़ा, क्योंकि न तो ओडिशा और न ही छत्तीसगढ़ से शव वाहन मिल सका। रविवार–सोमवार की रात 2 बजे मुकेश नायक की गर्भवती पत्नी को तेज पीड़ा हुई। वे उन्हें तुरंत सुंदरगढ़ अस्पताल (ओडिशा) लेकर पहुंचे। सुबह 5 बजे प्रसव हुआ, लेकिन गंदा पानी पीने के कारण नवजात ने आधे घंटे में दम तोड़ दिया।
सीमा पर रुक गया ओडिशा का शववाहन
अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे के शव को सीमा तक पहुंचाने के लिए वाहन दिया। लेकिन जैसे ही गाड़ी लुलकीडीह पुलिया पहुंची, चालक ने आगे बढ़ने से इनकार कर दिया। उसका कहना था—
“साहब, गाड़ी में जीपीएस है… सीमा पार ले गया तो नौकरी चली जाएगी।”
छत्तीसगढ़ में दो घंटे इंतजार… नहीं मिली मदद
इसके बाद मुकेश नायक ने छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग से शव वाहन की मांग की। सीएमएचओ कार्यालय से जवाब मिला—फरसाबाहर में फिलहाल वाहन उपलब्ध नहीं, व्यवस्था की जा रही है।लेकिन पिता अपने मृत मासूम को गोद में लिए दो घंटे तक खड़े रहे… कोई गाड़ी नहीं आई।
पिता का कलेजा फटा, बाइक से शव लेकर घर पहुंचे
आखिर मजबूर होकर उन्होंने अपने नवजात बेटे के शव को बाहों में उठाया, मोटरसाइकिल स्टार्ट की और सीमा से सिंगीबहार गांव तक करीब 15 किलोमीटर का सफर खुद तय किया।
इलाके और पत्रकार समुदाय में आक्रोश
स्थानीय लोगों व पत्रकार जगत में गहरा आक्रोश है। लोगों का सवाल—“क्या एक पिता को अपने बच्चे का शव बाइक से ले जाना पड़े… यही है हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था?”
विडंबना यह है कि अधिकारी इतने निरंकुश हो गए हैं कि उन्हें यह भी ध्यान नहीं कि सीएम विष्णुदेव साय की पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य है जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर पर उन्होंने कार्यवाही को लेकर सख्त हिदायत दी है इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लाचारी सामने आना कहीं न कहीं अधिकारी कर्मचारी की बड़ी लापरवाही को प्रदर्शित करता है।
रोगी को समय पर ऐंबुलेंस नहीं
आज स्थिति यह है कि गर्भवती महिलाओं को 102 की सुविधा ढंग से नहीं मिल रही,मृत्यु के बाद शववाहन भी उपलब्ध नहीं है।यह पहली घटना नहीं है बार-बार ऐसी समस्याएँ उजागर हो रही हैं, लेकिन व्यवस्था जस की तस बनी हुई है।
घर लौटते हुए टूटे हुए पिता ने बस इतना ही कहा “जो मेरे साथ हुआ… वह किसी और के साथ न हो।”



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