... खबर पत्रवार्ता : सर्वधर्म समभाव के प्रतीक हैं संत रविदास - रायमुनि भगत,संत रविदास जयंती पर भव्य आयोजन,जशपुर विधायक ने कहा संतों के बताए मार्ग पर चलकर ही हम भारत को विश्व गुरु बना पाएंगे।

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खबर पत्रवार्ता : सर्वधर्म समभाव के प्रतीक हैं संत रविदास - रायमुनि भगत,संत रविदास जयंती पर भव्य आयोजन,जशपुर विधायक ने कहा संतों के बताए मार्ग पर चलकर ही हम भारत को विश्व गुरु बना पाएंगे।

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,25 फरवरी 2024

रविदास समाज जन कल्याण के बैनर तले संत गुरु रविदास का भव्य जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया। गिराँग के कदमटोली में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जशपुर विधायक रायमुनी भगत मौजूद रहीं।इस अवसर पर उन्होंने संतों के आदर्श पर चलते हुए भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की बात कही।

उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति भगत,पूर्व भाजपा और जिला पंचायत अध्यक्ष सुरेश राम भगत,पूर्व नपा.अध्यक्ष रजनी प्रधान,पूर्व डीडीसी कृपाशंकर भगत,जनपद पंचायत सदस्य शारदा प्रधान,शशिकला मिंज अध्यक्ष जनपद पंचायत मनोरा मौजूद रहे। 

मुख्य अतिथि विधायक रायमुनी भगत के द्वारा संत गुरु रविदास के तैल्य चित्र पर द्वीप प्रज्वलन और पुष्प अर्पित किया गया।जिसके उपरांत अपने संबोधन में रायमुनी भगत ने कहा कि संत गुरु रविदास को प्रेम और करुणा की शिक्षाओं और समाज से जाति के भेदभाव को दूर करने के लिए जाना जाता है।

हर साल माघ पूर्णिमा को रविदास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। संत गुरु रविदास एक महान कवि, दार्शनिक और समाज सुधारक थे।संत रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी क्षेत्र में माघ पूर्णिमा को 1377 में हुआ था।इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा के दिन रविदास जयंती मनाई जाती है।इनकी माता का नाम कर्मा देवी और पिताजी का नाम संतोष दास था। रविदास जी बचपन से बहादुर और ईश्वर के भक्त थे। पंडित शारदानंद गुरु से इन्होंने शिक्षा प्राप्त की।जैसे-जैसे रविदास जी की उम्र बढ़ने लगी भक्ति के प्रति इनकी रुचि भी बढ़ गई।वे अपना काम ईमानदारी,परिश्रम और पूरे लगन से करते थे और साथ ही लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा भी दिया करते थे।

भारत के प्रसिद्ध संत रविदास को रैदास के नाम से भी जाना जाता है। रविदास ऐसे संत और कवि थे  जिनका भक्ति आंदोलन में अहम योगदान रहा है। समाज विभाजन को दूर करने पर इन्होंने जोर दिया और व्यक्तिगत आध्यात्मिक आंदोलन के लिए एकता को बढ़ावा दिया। रविदास जी के जन्मदिन को ही हर साल रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है।

संत रविदास ईश्वर को पाने का केवल एक रास्ता जानते थे और वो है ‘भक्ति’. इसलिए उनका एक मुहावरा ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ वर्तमान में काफी प्रसिद्ध है। संत रविदास जी ने अपना सारा जीवन समाज सुधार कार्य, समाज कल्याण और समाज से जाति भेदभाव को दूर करने के कार्यों में समर्पित कर दिया। श्रीमती भगत ने संत गुरु रविदास के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्ग का अनुसरण करने को कहा।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों  का प्रस्तुति भी दिया।इस अवसर पर पप्पू ओझा,सरवर फैजान खान,पार्षद नीतू गुप्ता,राहुल गुप्ता,दीपू मिश्रा,प्रतिमा भगत,मुन्नी भारद्वाज,राकेश भगत सहित रविदास समाज जनकल्याण के जिलाध्यक्ष अरुण चौधरी,जिला सचिव मुरारी राम रवि,महा सचिव अभिनव बाघव,मीडिया प्रभारी संतोष रवि,राजू कुमार रवि,सुनीता,रोशन,गायत्री,रवि,गोकुल राम,सुरेंद्र रविदास, सत्यनारायण  रवि व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

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