... समस्या : कब मिलेगा इन बच्चों को योजना का लाभ...? जिले में दम तोड़ती "चिरायु योजना",लाखों खर्च होने के बावजूद नहीं हो रहा सर्वे,विभागीय लापरवाही से ग्रामीण बच्चों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ.....बड़ा सवाल "जिम्मेदार कौन"..? कब होगा योजना का क्रियान्वयन ...?

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समस्या : कब मिलेगा इन बच्चों को योजना का लाभ...? जिले में दम तोड़ती "चिरायु योजना",लाखों खर्च होने के बावजूद नहीं हो रहा सर्वे,विभागीय लापरवाही से ग्रामीण बच्चों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ.....बड़ा सवाल "जिम्मेदार कौन"..? कब होगा योजना का क्रियान्वयन ...?

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,19 जनवरी 2022

BY योगेश थवाईत 

बच्चों के ईलाज के लिए शासन की महत्वकांक्षी चिरायु योजना जशपुर जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है।सबसे बड़ी बात यह कि पिछले तीन वर्षों में सर्वे के नाम पर लाखों खर्च होने के बावजूद न तो सर्वे टीम जरूरतमंद तक पंहुची,न ही उन पीड़ित बच्चों का ईलाज हो सका जिसकी उन्हें जरुरत है।जिन बच्चों का सर्वे किया गया उनकी फाईलें भी अधर में लटकी हुई हैं लिहाजा विभाग पर सवाल उठना लाजिमी है।

उल्लेखनीय है कि जिले में चिरायु योजना का लाभ जरुरतमंद बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।मामला है बगीचा विकासखंड का जहाँ पिछले 3 वर्षों से आधा दर्जन से अधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं जिनमें कई बच्चे दिल में छेद जैसी गंभीर बिमारी से ग्रसित हैं वहीँ कई ऐसे बच्चे हैं जहाँ तक चिरायु दल अब तक नहीं पंहुच पाई है।

जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल लगातार सभी विभागों को जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए निर्देशित कर रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के लचर रवैये के कारण शासन की महत्वकांक्षी चिरायु योजना जमीनी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है।

आपको बता दें कि जिले के प्रत्येक विकासखंड में चिरायु की दो-दो टीमें हैं।प्रत्येक दल में एक एएमओ,एक फार्माशिष्ट,1 एमएलटी,1 एएनएम शामिल हैं।मुख्यतः स्कुल व आँगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर 6 माह से 18 साल तक के बच्चों को चिन्हित कर इनके ईलाज की समुचित व्यवस्था करना चिरायु दल का कार्य है।पिछले तीन वर्षों में कोविड के दौरान स्कुल आँगनबाड़ी बंद होंने के बावजूद चिरायु वाहन द्वारा सर्वे के नाम पर लाखों का वार न्यारा हो गया इसके बाद भी जमीनी स्तर पर चिरायु योजना का कोई लाभ जमीनी स्तर पर जरुरतमंदों को नहीं मिल रहा है।

केस 1

बगीचा विकासखंड के अंतर्गत बैगाकोना कुटमा निवासी तीन वर्षीय काजल यादव पिता दशरथ यादव के पैर में दिक्कत होने के कारण वह बचपन से चल नहीं पाती,काजल की मां संतोषी ने बताया कि उसकी बच्ची को जन्म के बाद से समस्या आने लगी और जब वह तीन साल  की हो गई तो फिर उसे चलने में दिक्कत होने लगी और जब उन्होंने स्थानीय चिकित्सकों को दिखाया तो पता चला कि कमर की कोई नस दबी हुई है जिसके कारण वह चल नहीं पाती।

इसकी जानकारी न तो चिरायु दल को है और न ही स्वास्थ्य अमले को।लिहाजा अब तक काजल को ईलाज नहीं मिल पाया है।काजल के माता पिता ने कई जगह अपने निजी खर्च पर यथासंभव प्रयास किया फिर भी काजल का ईलाज नहीं हो पाया।चिकित्सकों का कहना है कि बड़े अस्पताल में इसका ईलाज संभव है।

केस 2 

इसके अलावा दो मामले बगीचा जनपद के भादू पंचायत का है जहाँ सीताराम की 9 साल की लड़की गंभीर बिमारी से पीड़ित है।उम्र के साथ बच्ची का सिर बड़ा होता जा रहा है वहीँ उसका पैर भी काम नहीं करता कमर के नीचे के भाग में दिक्कत है।

काफी लम्बे समय से बच्ची इस गंभीर बिमारी से जूझ रही है अब तक उसे आवश्यक ईलाज नहीं मिल पाया है।गाँव के सरपंच हरेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके द्वारा कई बार स्वास्थ्य अधिकारीयों को बताया गया है इसके बाद भी पीड़ित बच्ची के ईलाज की कोई पहल नहीं की गई है।

केस 3 

गाँव के सरपंच हरेन्द्र कुमार बताते हैं कि भादू गाँव में ही रामकिशोर के 1 साल के बच्चे को भी गंभीर बीमारी है।वह बचपन से काफी कमजोर है और उसका गर्दन स्थिर नहीं हो पाता।अब तक उस बच्चे के ईलाज के लिए भी चिरायु दल ने कोई पहल नहीं की है।

मामले में चिरायु के जिला नोडल अधिकारी व सलाहकार डॉ पुष्पेन्द्र सोनी ने बताया कि चिरायु के तहत स्कुल व आँगनबाड़ी केन्द्रों में सर्वे का कार्य व मेडिकल जाँच का कार्य किया जाता है। कोरोना के पहले व दुसरे लहर के दौरान स्कुल आँगनबाड़ी बंद रहने के कारण सर्वे का कार्य नहीं हुआ है।यदि उन्हें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व अन्य माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को स्वास्थ्यगत समस्याओं की जानकारी मिलती है तो इसके लिए चिरायु योजना के तहत ईलाज कराया जा सकता है।फिलहाल जो जानकारी मिली है उसके लिए चिरायु दल के माध्यम से बच्चों का ईलाज कराया जाएगा।

बहरहाल पूरे जिले में ऐसे कई मामले हैं जिसके लिए सघन सर्वे के साथ स्थानीय लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है जिससे चिरायु जैसी स्वास्थ्य सेवा का लाभ बच्चों को मिल सके।

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