... विरोध : स्टील प्लांट की "जनसुनवाई" पर प्रशासन की सक्रियता" को लेकर जशपुर के वरिष्ठ वकील ने "कही ये बड़ी बात",सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी,उठने लगे सवाल .....?


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विरोध : स्टील प्लांट की "जनसुनवाई" पर प्रशासन की सक्रियता" को लेकर जशपुर के वरिष्ठ वकील ने "कही ये बड़ी बात",सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी,उठने लगे सवाल .....?



जशपुर,टीम पत्रवार्ता,29 जुलाई 2021

साभार : सत्य्प्रकाश तिवारी जी के फेसबुक पोस्ट से 



बहुत ही संवेदनशील विषय है,,, यह आदरणीय महिला जो बात कह रही हैं वही सत्य है 

स्टील प्लांट खोलना जनता के हित के विपरीत होगा,,

जब जनता यह चाहती ही नहीं है कि वहां किसी प्रकार का उद्योग स्थापित हो तो फिर प्रशासन को जनसुनवाई कराने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए,,

प्रशासन ऐसा क्यों कर रही है समझ के परे है ,,,,?

यह उद्योगपति जशपुर को अपना चारागाह बनाकर और जशपुर की सुंदर वादियों को नष्ट करना चाह रहे हैं,अगर यह जनता के हित में है तो जनता स्वयं तय करेगी की स्टील प्लांट खुलना चाहिए या नहीं,यहां तो पूरा जशपुर यह चाहता है कि स्टील प्लांट ना खुले तो फिर क्यों जनसुनवाई कराई जा रही है,प्रशासन को इस संबंध में तत्काल संज्ञान लेकर वहां उपस्थित आम जनता के हितों का सम्मान करना चाहिए और जन जनसुनवाई को तत्काल स्थगित कर देना चाहिए ..

यदि प्रशासन जबरन जनसुनवाई  कराती है और किन्ही कारणों से लॉ एंड ऑर्डर बाधित होता है तो इसके लिए जिम्मेदारी भी सुनिश्चित कर लेनी चाहिए,,,,,

सभी को इस बात की जानकारी है कि माननीय उच्च न्यायालय में इस संदर्भ में याचिका दाखिल की जा चुकी है,और इसकी सुनवाई के लिए संबंधित विभागों को भी नोटिस प्रेषित किया जा चुका है,, तो इसकी प्रतीक्षा क्यों नहीं की जा रही है ?

इसके अलावा ग्रीन ट्रिब्यूनल भी इस पर संज्ञान लिया है और इसकी सुनवाई होनी शेष है तो सदभावना पूर्वक प्रशासन को विचार करना चाहिए और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करनी चाहिए?

इस बात की भी सबको जानकारी है कि जशपुर के डीएफओ ने भी अवगत कराया है की यह क्षेत्र हाथी प्रभावित क्षेत्र है और कई जंगली जानवरों का इस क्षेत्र में आना-जाना होता है,,, तो किन कारणों से जनसुनवाई की आवश्यकता पड़ रही है..?

प्रशासन को ऐसे गंभीर विषय पर तत्काल निर्णय लेकर जन सुनवाई को स्थगित कर देना चाहिए अन्यथा की स्थिति में इस क्षेत्र में व्यापक जन विद्रोह की संभावना है,तथा जंगली पशुओं को भी व्यापक नुकसान हो सकता है,,,,

यह माताजी जो बात कह रही हैं वह सत्य है और सनातन है,जनता का हित ही सर्वोपरि है,,,,सबको समझ आ जाना चाहिए,यहाँ अराजकता की स्थिति नज़र आ रही है,,,जो उचित नहीँ है।।।

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