... समस्या : "खाद बीज" की कमी से किसान परेशान,न यूरिया न डीएपी, जिले में लायसेंस धारियों के स्टॉक में पर्याप्त माल फिर भी किसानों को नहीं मिल रहा खाद,कहीं कालाबाजारी की तैयारी तो नहीं...?

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समस्या : "खाद बीज" की कमी से किसान परेशान,न यूरिया न डीएपी, जिले में लायसेंस धारियों के स्टॉक में पर्याप्त माल फिर भी किसानों को नहीं मिल रहा खाद,कहीं कालाबाजारी की तैयारी तो नहीं...?

 


जशपुर/पत्थलगांव, टीम पत्रवार्ता,22 जून 2021

BY प्रदीप ठाकुर

बरसात के शुरुआत के साथ अब खेती का काम जिले में शुरु हो चुका है।जिसके साथ ही किसानों के सामने खाद व बीज की बड़ी समस्या सामने आ रही है।उल्लेखनीय है कि आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद बीज का भंडारण नहीं किया गया है।वहीं निजी लायसेंस धारियों के पास पर्याप्त स्टॉक होने के बावजूद किसान खासे परेशान हैं।उन्हें न तो खाद मिल पा रहा है न बीज।अब सवाल यह है कि यूरिया डीएपी को ऊंचे दाम पर बेचे जाने की तैयारी तो नहीं..?

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पत्थलगांव में किसानों को ग्राम वाइज खाद देने के लिए दिन निर्धारित किया गया है।जब उक्त ग्राम के किसान खाद लेने केंद्र पंहुचते हैं तो कभी यूरिया का खाद हीं रहता तो कभी सुपर,डीएपी।जिस कारण किसानों को बैरंग लौटना पड़ता है।

कभी मिलता भी है तो मात्रा इतना कम रहता है कि दो से तीन दिनों में ही समाप्त हो जाता है।जबकि समिति कर्मचारियों ने अनेक किसानों को रकबा अनुसार मिलने वाली खाद की मात्रा में एक एक दो दो बोरी खाद की मात्रा में कटौती कर दी गयी है ।जिससे भी वे किसान चिंतित है। जबकि कोई किसान भाड़े का वाहन या अपना स्वयं का वाहन लेकर आते हैं जिन्हें दोबारा तिबारा अत्यधिक खर्च का वहन करना पड़ रहा है।

खाद बीज के लिये किसानों को हो रही परेशानी को लेकर समिति पत्थलगांव के जागरूक संचालक मंडल सदस्य व किसान नेता विजय त्रिपाठी से किसानों को हो रही समस्या और खाद बीज की कमी को लेकर चर्चा कर वास्तविकता जानना चाहा।

जिसपर श्री त्रिपाठी ने इस समस्या को प्रशासन की घोर लापरवाही बताया और कहा कि सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी ऐसी परिस्थिति में दौरा तो करते नहीं और ना ही पर्याप्त मात्रा में खाद का भंडारण कराते हैं।शासकीय भंडारण से कहीं अधिक निजी लायसेंस धारियों के पास खाद का अधिक भण्डारण है जिसे मौका देखकर व्यापारी दोगुने दाम पर बेचते हैं।

उन्होंने बताया कि समिति कभी कभी तो इतनी लापरवाही करती है कि खाद पंहुच गया है। और दो तीन दिनों तक उसका डिस्पेच नम्बर नही देते जिसके कारण कम्प्यूटर एंट्री नही लेता और किसानों को वापस जाना पड़ता है।

जबकि यह दायित्व जिला विपडन अधिकारी का है कि वे जिले के सभी समितियों की स्थिति से वाकिफ हो समय पर वितरण केंद्रों तक खाद वितरण करना। 

श्री त्रिपाठी ने यह भी कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुवे वे क्षेत्रीय विधायक से भी चर्चा कर वस्तु स्थिति से उन्हे अवगत कराते हुए जिले के सभी विकासखंडों में किसानों की समस्या दूर कराने आग्रह करेंगे।

प्रमुख भंडारण केन्द्र द्वारा भीगा हुवा यूरिया को भी भेजा जा रहा है जिसे कल पत्थलगांव सोसाइटी में किसानों को भीगा हुआ यूरिया वितरण किया गया जो यूरिया की बारी से पानी निकल रहा था, किसानों का कहना है कि यह एक महीना भी नहीं टिक पायेगा और गल कर पानी बन जायेगा जो किसानों का सीधा सीधा नुकसान है ।

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