जशपुर,टीम पत्रवार्ता,12 मई 2021
BY योगेश थवाईत
इन दिनों जशपुर की महिलाओं ने कमाल कर दिया है।जब देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है इससे लड़ने के लिए अन्य देश भारत की मदद कर रहे हैं।ऐसे में जशपुर की महिलाएं महुए से सेनेटाइजर बना रही हैं।खास बात यह कि अब इस सेनेटाइजर की मांग विदेशों में भी होने लगी है।
जिले में 18 हजार क्विंटल महुआ का उत्पादन
जशपुर जिले में महुआ बड़ी संख्या में मिलता है।साल भर में लगभग 18 हजार किवंटल महुआ फूल का उत्पादन होता है।समूह की महिलाएं महुआ को अच्छी तरह से सूखाकर सेनेटाइजर बनाती हैं।महिलाओं ने बताया कि 10 माह में अप्रैल 2021 तक 10 हजार लीटर महुआ सेनेटाइजर बना चुकी हैं।जिसमें से 9300 लीटर स्थानीय शासकीय संस्थाओं संजीवनी मार्ट , संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से वे विक्रय कर चुकी हैं जिससे अच्छा मुनाफा मिलने लगा है।
उल्लेखनीय है कि 22 मई 2020 को अंतराज्यीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति में सेनेटाइजर का विक्रय प्रारंभ किया गया था । वन धन विकास केन्द्र पनचककी जशपुर में कलेक्टर महादेव कावरे ने खनिज न्याय निधि मद से 10 लाख की लागत से प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित करवाया है।
शुद्ध 11 लाख का आर्थिक लाभ
वनमण्डलाधिकारी अधिकारी श्री कृष्ण जाधव,उपमंडलाधिकारी एसके गुप्ता और युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने बताया कि जशपुर जिले के पनचचकी वन धन विकास केन्द्र में सिनगी स्व-सहायता समूह की 10 महिला मिलकर सेनेटाइजर बना रही हैं। महिलाएं महुआ फूलों से हर्बल सेनेटाइजर बनाती है।इस मधुकम सेनेटाइजर को दिल्ली भी भेजा जाता है।साथ ही गिफ्ट पैक करके दिल्ली से विभिन्न देशों की भेजा जाता है।सिनगी स्व-सहायता समूह की10 महिलाओं ने 10 महिने में कुल 38लाख55 हजार के महुआ सेनेटाइजर का विक्रय कर चुकी हैं।स्व-सहायता समूह की महिलाओं को शुद्ध 11 लाख का आर्थिक लाभ हो चुका है ।
जशपुर का कारगर आविष्कार
विगत वर्ष कोरोना संक्रमण की शुरुआत दौर में जिला प्रशासन और युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन के सार्थक प्रयास से सेनेटाइजर निर्माण की शुरुआत अप्रैल 2020 में की गई और संकट की इस घड़ी में सेनेटाइजर लोगों के लिए कारागार अविष्कार साबित हुआ।जशपुर जिले का नाम राज्य से लेकर देशभर में होने लगा और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी खुलकर जशपुर जिले की प्रशंसा की।
वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव ने बताया कि कलेक्टर श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन में ट्रायफेड द्वारा अब विदेशों से भी बड़ी संख्या में सेनेटाइजर की मांग की जा रही है।जशपुर से बने उत्पाद दिल्ली ट्रायफेड के राष्ट्रीय कार्यशाला में भेजा गया और कार्यालय में इसकी गुणवत्ता हर्बल युक्त कैमिकल मुक्त की जानकारी भी दी गई।शुद्धता के कारण इसकी मांग विदेशों से बड़ी संख्या में की जा रही है जिसे भेजा जा रहा है ।
महिलाओं ने बताया कि महुआ सेनेटाइजर में किसी भी तरह का कैमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। इसलिए यह हथेली की त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाता है।सेनेटाइजर देश के बाहर दूतावासों को भी उनकी मांग के अनुसार भेजा जा रहा है।
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