... लापरवाही : प्रदेश के जशपुर व सूरजपुर में कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर, राजनांदगांव प्रशासन के साथ महाराष्ट्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार,प्रदेश कांग्रेस के सचिव ने कहा......?

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लापरवाही : प्रदेश के जशपुर व सूरजपुर में कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर, राजनांदगांव प्रशासन के साथ महाराष्ट्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार,प्रदेश कांग्रेस के सचिव ने कहा......?





पत्थलगांव,टीम पत्रवार्ता,29 अप्रैल 2020
  
जशपुर जिले के लुड़ेग राहत शिविर में क्वारंटाइन किए गए एक मजदूर का कोरोना टेस्ट पाॅजिटिव आने के बाद से ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। इसे लेकर लोग दहशत में हैं। मजदूरों के यहां पहुंचने को लेकर राजनांदगांव कलेक्टर और महाराष्ट्र सरकार की लापरवाही को जिम्मेदार बताते हुए जनप्रतिनिधियों में खासा आक्रोश है।

प्रदेश कांग्रेस के सचिव शेखर त्रिपाठी ने इसके लिए राजनांदगांव प्रशासन और महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। 

उन्होने कहा की प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना को लेकर बेहद सक्रिय हैं जो लगातार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ स्वयं इस दिशा में मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं यही कारण है कि लगातार प्रदेश में कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं जिससे प्रदेश ने महामारी से लड़ने में सराहनीय कार्य किया है लेकिन  बाहरी लोगों ने आकर प्रदेश में महामारी संकट को बढ़ाकर मुसीबत खड़ी कर दी है । 

उल्लेखनीय है कि झारखंड और बिहार के रहने वाले यह मजदूर महाराष्ट्र के रास्ते होकर राजनांदगांव पहुंचे थे। जहां उन्हें पकड़ा गया और प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा गया था।श्री त्रिपाठी ने कहा कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में लाॅक डाउन किया गया है। काम-धंधे रोजगार सब बंद हैं, प्रतिदिन सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। सब कुछ इसलिए कि लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके। 

परंतु इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और राजनांदगांव प्रशासन ने बिल्कुल गैर जिम्मेदाराना रवैये का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहला सवाल तो यह उठता है कि 

देशव्यापी लाॅकडाउन के बीच ये मजदूर  महाराष्ट्र से होकर राजनांदगांव तक कैसे पहुंचे। महाराष्ट्र सरकार की जानकारी में आए बिना ही इन लोगों को वहां से किस प्रकार निकलने का मौका मिला यह अपने आप में ही जांच और चिंता का विषय है। इनके राजनांदगांव पहुंचने के बाद इन्हें बिना जांच के किस प्रकार एक दूरवर्ती इलाके में लाकर रख दिया गया।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि जशपुर जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों की जागरूकता और सहयोग की वजह से पूरा क्षेत्र अब तक कोरोना मुक्त रहा था। परंतु राजनांदगांव प्रशासन की एक चूक ने स्थिति में पूरा परिवर्तन ला दिया है। उनका कहना है कि राजनांदगांव प्रशासन का सबसे पहला कर्तव्य था कि मजदूरों को सूरजपुर अथवा लुड़ेग,जशपुर के अन्य क्षेत्रों में भेजने से पहले इन सबकी जांच करानी थी ताकि अन्य लोगों को इस संक्रमण से बचाया जा सके। 

देश लाॅकडाउन - 2 के समाप्ति की ओर बढ़ रहा है वहीं एक भी मामला सामने नहीं आने से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी वहीं महाराष्ट्र सरकार और राजनांदगांव प्रशासन की लापरवाही से यह क्षेत्र एक बार फिर से संशय के घेरे में आ गया है। इससे लोगों में भय व्याप्त है। उन्होंने राज्य शासन से मामले की जांच कराने तथा इसमें व्यक्तिगत जिम्मेदारी सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है।

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