जशपुर,टीम पत्रवार्ता,14 फरवरी 2020
जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन की उल्टी गिनती शुरुहो गई है।कुछ घंटों में अध्यक्ष उपाध्यक्ष की ताजपोशी हो जाएगी।बीजेपी कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी दावेदारी और जीत के लिए जोर जुगत में लगी हुई है।
जशपुर जिला पंचायत का स्वतंत्र चुनाव होना ही जशपुर के लिए बड़ी बात है।भाजपा के अभेद गढ़ में कांग्रेस की रणनीति भारी पड़ती नजर आ रही है।जिले में 7 जनपद पंचायतों में कब्जे के बाद कांग्रेस जिला पंचायत पर नजर जमाए हुए है।हांलाकि कांग्रेस बहुमत से काफी दूर है।इसके बावजूद जिला पंचायत को लेकर कांग्रेस का संघर्ष जारी है।
राजनैतिक प्रतिद्वंदिता करते हुए लंबे समय से अपनी पारी का इंतजार कर रही जिला पंचायत सदस्य आरती सिंह कांग्रेस से जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रबल दावेदारी कर सकती हैं।हांलाकि रत्ना पैंकरा भी दौड़ में शामिल बताई जा रही है।
वहीं बात करें भाजपा की तो यहां एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ होती दिख रही है।जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बीजेपी से तीन नाम सामने हैं जिसमें रीना बरला,रायमुनि भगत,शांति भगत का नाम आगे बताया जा रहा है।
रीना बरला बगीचा क्षेत्र से हैं जिन्होंने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है।पूरे चुनाव के दौरान पैलेस से बहुरानी समेत सांसद गोमती साय की अगुवाई में इन्होंने जीत हासिल की है वहीं पार्टी संगठन में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में बेदाग छवि की हैं।जो पहले जनपद सदस्य भी रह चुकी हैं।
रीना बरला बगीचा क्षेत्र से हैं जिन्होंने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है।पूरे चुनाव के दौरान पैलेस से बहुरानी समेत सांसद गोमती साय की अगुवाई में इन्होंने जीत हासिल की है वहीं पार्टी संगठन में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में बेदाग छवि की हैं।जो पहले जनपद सदस्य भी रह चुकी हैं।
वहीं बात करें रायमुनि भगत की तो संगठन ने इन्हें पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज दिया है।वहीं पिछले चुनाव में पैलेस से कटु संबंध के चलते इनको हार का भी सामना करना पड़ा है।इस बार के चुनाव में काफी जद्दोजहद के बाद पार्टी के आला नेतृत्व के बलबूते इस बार बीजेपी प्रत्याशी के रूप में इन्होंने चुनाव लड़ा जिसमें बहुत काम अंतर से इन्हें जीत हासिल हुई है।पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं लिहाजा पार्टी संगठन नए नाम की तलाश में है।
बीजेपी से तीसरा नाम शांति भगत का बताया जा रहा है जो पूर्व मंत्री गणेश राम भगत की बेहद करीबी हैं और बीजेपी से पहले भी जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं।हांलाकि सामाजिक कार्यकर्ता के रुप में इन्होंने अलग छवि बनाई है।वहीं संगठन से जुड़कर सतत जमीनी कार्य करने वाली कार्यकर्ता के रुप में इनकी पहचान है।लंबे समय से अपनी पारी का इंतजार इनको भी है।अब देखना होगा पार्टी संगठन क्या निर्णय लेती है।
कहीं पार्टी पर भारी न पड़ जाए राय की रायशुमारी
जशपुर जनपद पंचायत में पार्टी संगठन में मतभेद व गलत निर्णय के चलते बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है।माना जा रहा है कि भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए चयनित प्रत्याशी से ही कांग्रेस का भविष्य तय होगा।रायमुनि भगत,रीना बरला और शांति भगत बीजेपी के मजबूत दावेदार हैं वहीं पैलेस,सियासत और संगठन के एक मत निर्णय का इंतजार सबको है जो बीजेपी के लिए निर्णायक सिद्ध हो।
बात करें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ऐतिहासिक और भारी बहुमत से जीतकर सामने आने वाले विष्णु कुलदीप की जो उपाध्यक्ष पद की दावेदारी करते नजर आ रहे हैं।हांलाकि हमेशा बीजेपी शासन काल में मूलभूत सुविधाओं के अभाव व भ्रष्टाचार के मुद्दों पर ये शासन को घेरते रहे हैं।क्रांतिकारी विचारों के साथ लड़ने वाले कुलदीप को अब इंतजार है उपाध्यक्ष पद का अब देखना होगा कि बीजेपी से उपेंद्र यादव व सालीक साय में से जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद पर किसको समर्थन मिलता है।
जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव नतीजे की बात करें तो 14 डीडीसी में से 9 डीडीसी भाजपा के पास हैं।वही 4 कांग्रेस के पास हैं।वहीं एक निर्दलीय सीट है। कांग्रेस व निर्दलीय मिलकर पांच सीट पर समर्थन बना रहे हैं जिनको 3 निर्णायक सीटों की जरुरत है।जिससे जिला पंचायत पर कांग्रेस की सरकार बन सकती है।माना जा रहा है कि बीजेपी के नाम की घोषणा के साथ ही दोनों पार्टियों की जीत हार तय मानी जा सकती है।
अब देखना होगा कि बीजेपी कांग्रेस के रणनीतिकार कैसे सामंजस्य स्थापित करते हैं।जिससे उन्हें जिला पंचायत का ताज मिल सके।
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