जशपुर 13 नवंबर टीम पत्रवार्ता
आप सोचकर हैरान हो रहे होंगे,आखिर लोगों को एनएच पर खूंटा गाड़कर खटिया बिछाने की क्या जरुरत आन पड़ी।दरअसल मुसीबत इतनी बड़ी है कि अब सड़क पर खटिया लगाए बिना काम नहीं चलने वाला है ऐसा सड़क न बनने से नाराज ग्रामीणों का कहना है।
उल्लेखनीय है कि पत्थलगांव कांसाबेल के बीच एनएच 43 की दुर्दशा ऐसी है कि अब न तो वह चलने लायक बची न ही चलाने लायक।लंबे समय से पत्थलगांव से लेकर कांसाबेल तक सड़क बस नाम की ही बच गई है।कई ठेकेदार बदल गए,मरम्मत का टेंडर भी हो गया इसके बावजूद राष्ट्रीय राज्मार्ज का काम पिछले 3 सालों से अधर में लटका हुआ है...सड़क बनने की आस में लोगों ने तख्तो ताज भी बदल दिया इसके बावजूद उन्हें धुल भरे बड़े गड्ढों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है...
बहरहाल कांसाबेल से लेकर पत्थलगाँव तक ग्रामीणों में सड़क न बनने के कारण खासी नाराजगी है..एनएच 43 के निर्माण को लेकर कांसाबेल में बैठक रखी गई जिसमें कांसाबेल के सभी व्यापारी बंधु एवं युवा वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ..एकमत होकर 14 तारीख को सभी बड़ी संख्या में इस आंदोलन में रहेंगें और आंदोलन स्थल में रहने खाने का निर्णय लिया गया है..उक्त आन्दोलन में 14 नवम्बर को 10बजे सुबह बाईक के द्वारा आंदोलन स्थल के लिए लोग प्रस्थान करने वाले हैं।3 वर्षों से अधूरे पड़े सड़क को लेकर बड़ी संख्या में आसपास के गांवों से भी लोगों के जुटने की उम्मीद जताई जा रही है....रोड की दुर्दशा देख कर लोंगों में आक्रोश अंतिम चरम पर है।
वहीँ प्रशासन के द्वारा हर प्रयास किये जाने की खबर है कि शांति व्यवस्था बनी रहे और आन्दोलन न हो ....अब देखना होगा कि प्रशासन ग्इरामीणों की इस समस्या का समाधान कैसे करती है ...?
वहीँ प्रशासन के द्वारा हर प्रयास किये जाने की खबर है कि शांति व्यवस्था बनी रहे और आन्दोलन न हो ....अब देखना होगा कि प्रशासन ग्इरामीणों की इस समस्या का समाधान कैसे करती है ...?
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