... गड़बड़ी : जशपुर शिक्षा विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार,स्कूलों में चार गुने दाम पर अग्निशामक यंत्रो की खरीदी,मामले में कलेक्टर ने दिये FIR के निर्देश।

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गड़बड़ी : जशपुर शिक्षा विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार,स्कूलों में चार गुने दाम पर अग्निशामक यंत्रो की खरीदी,मामले में कलेक्टर ने दिये FIR के निर्देश।


जशपुर(पत्रवार्ता) जशपुर के शिक्षा विभाग में दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक के फर्जी संविलियन का मामला थमा नहीं कि शिक्षा विभाग का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है।इस बार जशपुर जिले के स्कूलों में चार गुने दाम पर फायर गैस सिलेंडर की सप्लाई कर शासकीय राशि के बंदरबाट किये जाने का मामला सामने आया है।

आपको बता दें कि इससे पहले भी शिक्षा विभाग में खेलगढ़ी व शाला अनुदान की राशि में जमकर भ्रष्टाचार हो चुका है।इस बार 12 सौ की अग्निशामक यंत्र की सप्लाई लगभग 5 हजार रुपये में की जा रही है।

जिले के बगीचा,कांसाबेल समेत अन्य सरकारी स्कूलों के लिए खरीदे गए अग्निशमन यंत्र में गड़बड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने नारजगी जाहिर करते हुए,शासन के नियम व मापदंड को दरकिनार करते हुए किए गए खरीदी के मामले में दोषियों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करने का संकेत दिया है।

शिक्षा विभाग में  खरीदी मामले में एक के बाद एक गड़बड़ी उजागर होने पर उन्होनें नाराजगी भी जताई है। उन्होनें कहा कि शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों को सामग्री क्रय करने के दौरान नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। इसका उल्घंन करने वाले के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


जिले के सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं में अग्निशमन यंत्र की खरीदी की गई है। इस खरीदी का आदेश किसने और कब जारी किया,यह शिक्षा विभाग में अब तक किसी को पता नहीं है। जिले के शैक्षणिक संस्थाओं में इसकी आपूर्ति भिलाई के एक फर्म एसके एसोसिएट्स के द्वारा की गई है। स्कूलों को दिए गए बिल में अग्निशमन यंत्र के लिए स्कूलों को 4 हजार 9 सौ 58 रूपए प्रति सिलेंडर का बिल थमाया गया है,जबकि बाजार में यह 9 सौ से 12 सौ रूपए में उपलब्ध है।

जशपुर जिले के शासकीय हाईस्कूलों व माध्यमिक विद्यालयों में बाजार दर से चारगुने दाम पर अग्निशामक गैस सिलेण्डर की सप्लाई की जा रही है।दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सप्लायर से मिलीभगत कर जिले के सभी स्कूलों में सरकारी दस्तावेज की आग से सुरक्षा के लिए अग्निशामक यंत्रो की स्थापना कराए जाने का लेटर जारी किया गया है।जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी का पत्र दिखाकर एसके एसोसिएट्स द्वारा प्रत्येक स्कूलों में 2 अग्निशामक यंत्र देकर 4 हजार 9 सौ 58 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से 9 हजार 9 सौ 16 रुपए का बिल देकर पैसा वसूला जा रहा है।

मामले को लेकर तकरीबन एक माह से सुगबुगहाट चल रही थी। इस मामले ने दो दिन पूर्व उस वक्त तूल पकड़ा जब चंद्रपुर के पूर्व विधायक युद्ववीर सिंह जूदेव ने इस पूरे प्रकरण पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट किया। उन्होनें इसमें कमीशन खोरी का आरोप लगाया है। इस पोस्ट के बाद शिक्षा विभाग और इसके अधिकारियों के खिलाफ़ तीखी प्रतिक्रिया आने लगी है। 

युद्ववीर सिंह जूदेव द्वारा किए 
गए इस पोस्ट और अग्निशमन यंत्र 
खरीदी को लेकर लगाए जा रहे गड़बड़ी 
के आरोप के बाद कलेक्टर श्री क्षीरसागर 
ने इसे संज्ञान में लेते हुए सम्बन्धित 
फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज 
कराए जाने का निर्देश दिया है।

आदर्श विद्यालय को लेकर हो चुका है विवाद 

अग्निशमन यंत्र खरीदी को लेकर शिक्षा विभाग में जारी घमासान से पहले आदर्श विद्यालय योजना को लेकर भी बवाल मच चुका है। खनिज न्यासनिधि से जिले में चयनित स्कूलों को राजीवगांधी शिक्षा मिशन ने आदर्श स्कूल के रूप में विकसित बच्चों के लिए बुनियादी सुविधा के साथ आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराने की योजना तैयार की थी। इसके लिए आवश्यक सामग्री की खरीदी करने का अधिकार योजना में संबंधित संस्था के प्रधानपाठक को देते हुए राशि को स्कूल के खाते में जमा कर दी गई थी। 

लेकिन जिला प्रशासन की यह योजना पूरी तरह से कमीशनखोरी के जाल में उलझ कर रह गई। अंबिकापुर के एक सप्लायर से सांठगांठ करते हुए अधिकारियों ने योजना के तहत चयनित सभी स्कूलों में एक साथ सामग्री का आपूर्ति कर दी। इन सामग्रीयों में डेस्क,बेंच,टीवी,एक्सर्टनल हार्ड डिस्क,स्कूली ड्रेस,जूते व मोजे शामिल थे।

आपूर्तिकर्ताओं ने किसी भी स्कूल को जरूरत के मुताबिक सामग्री उपलब्ध नहीं कराई। नजीता,करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद इन कथित आदर्श स्कूलों में बच्चें जमीन में बैठ कर अब भी पढ़ाई करते हुए देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं जूते-मोजे भी बच्चों को सही तरीके से नहीं दिया गया। 

मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा रहा। विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीति के मैदान में भी यह मामला जोर से उछला था। विधानसभा चुनाव के बाद कुनकुरी से कांग्रेस के विधायक यूडी मिंज ने विधानसभा में इस मामले को उठाया था। इस पर सरकार ने पूरे प्रदेश में खनिज न्यास नीधि से हुए विकास कार्यो की जांच करने का आदेश दिया है। 

जशपुर शिक्षा विभाग की हो रही फजीहत
कई मदों से शिक्षा विभाग में हो रही सामग्री क्रय को लेकर पिछले 6 माह के दौरान हुए आदर्श स्कूल घोटाला के बाद अब अग्निशमन यंत्र घोटाला को लेकर शिक्षा विभाग की छवि पर सीधा असर पड़ रहा है। 

एक के बाद एक उजागर हो रहे इन घोटालों को लेकर विपक्षी भाजपा के नेता हमलावर हो रहे है। वहीं शिक्षा विभाग से जुड़े कुछ लोग इस पूरे मामले को विभाग में चल रहे वर्चस्व की लड़ाई बता रहे हैं। 

सूत्रों का कहना है कि 

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद 
नई सरकार में अपना अपना गोटी फीट 
करने के लिए इन दिनों अफसरों के 
बीच जमकर खिंचतान मची हुई है। 
नतीजा,विभाग की अंदरूनी जानकारी 
मिडिया और सोशल मिडिया में 
वायरल हो रही है। इसका खामियाजा 
सीधे तौर पर सरकार को 
भुगतना पड़ रहा है। 

केन्द्र की यूपीए सरकार ने शुरू की थी व्यवस्था

स्कूलों के लिए आवश्यक सामग्री की खरीदी में घोटाले और गड़बड़ी को रोकने के लिए केन्द्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने स्कूल स्तर पर आवश्यक सामग्री की खरीदी की व्यवस्था लागू की थी। इस व्यवस्था को लागू करते समय सरकार को उम्मीद थी कि इससे कमीशनखोरी और बिचौलियां प्रथा समाप्त हो जाएगी और स्कूलों को उनकी जरूरत के मुताबिक सामान मिल सकेगा। लेकिन अधिकारियों और सप्लायरों के सांठगांठ ने सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेर दिया है। 

''शिक्षा विभाग के क्रय के मामले में नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश पहले भी दिया जा चुका है।अग्निशमन यंत्र मामले में गड़बड़ी की जांच कराई जाएगी। तथ्यों के आधार पर शिक्षामंत्री के निर्देश के मुताबिक दोषियों के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।''
'निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर,कलेक्टर,जशपुर।"


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