... मांग : मुख्यमंत्री से पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर कांग्रेसी फिर आए सामने ,प्रदेश सचिव ने मुख्यमंत्री से किया वर्षों प्रतीक्षित मांग पुरा करने का आग्रह

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मांग : मुख्यमंत्री से पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर कांग्रेसी फिर आए सामने ,प्रदेश सचिव ने मुख्यमंत्री से किया वर्षों प्रतीक्षित मांग पुरा करने का आग्रह



पत्थलगांव,टीम पत्रवार्ता,19 अगस्त 2021

BY प्रदीप ठाकुर

जिला नहीं बनाए जाने से नाराज लोगों के आक्रोश को देखते हुए अब कांग्रेसी भी पत्थलगांव को जिला बनाने के लिए आगे आने लगे हैं। जहां कांग्रेसियों ने शहर के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग का समर्थन किया है वहीं कांग्रेस के प्रदेश सचिव शेखर त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर जनभावनाओं के अनुरूप पत्थलगांव को जिला बनाने का आग्रह किया है। 

उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में चार नए जिले बनाने की घोषणा की गई है। परंतु पत्थलगांव को इसमें शामिल नहीं किया गया है। जिससे लोगों में आक्रोश है। इसे भांपते हुए भाजपा ने जहां इसके विरोध में बिगुल फूंक दिया है और चक्का जाम के बाद धरना प्रदर्शन कर सरकार से जिला बनाने की वादा पूरा करने की मांग की है वहीं अब कांग्रेसी भी इसके समर्थन में आगे आने लगे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव शेखर त्रिपाठी ने इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने जिला बनाने की पत्थलगांव के लोगों की मांग को जायज बताया है। उनका कहना है कि पूर्व में जब पत्थलगांव रायगढ़ जिले का अंग था। तब भी यह क्षेत्र का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। परंतु कोई प्रशासनिक या कानूनी मसला होने पर लोगों को रायगढ़ जाना पड़ता था जिससे अनावश्यक समय नष्ट होता था 

वहीं लोगों को अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस वजह से लोगों द्वारा पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग की जा रही थी। परंतु इसे जशपुर जिले में जोड़कर जशपुर जिला बना दिया गया। उन्होंने कहा कि रायगढ़ की पत्थलगांव से दूरी 110 किमी है जबकि जशपुर यहां से 104 किमी दूर है और नया जिला बनने से पत्थलगांव के लोगों की समस्याएं कम नहीं हुईं। 

उल्टे कई बिंदुओं पर पत्थलगांव को इसका खामियाजा उठाना पड़ा है जिसे देखते हुए नागरिक दशकों से शहर को जिला मुख्यालय बनाने की मांग कर रहे हैं और नागरिकों द्वारा अलग अलग मंचों के माध्यम से अपनी मांगें शासन तक पहुंचाई जाती रही हैं। श्री त्रिपाठी ने शहर की भौगोलिक स्थिति को भी जिला बनाए जाने के लिए सर्वथा उपयुक्त बताया है।

उनका कहना है कि पत्थलगांव क्षेत्र का सर्वाधिक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है और अनुमान के मुताबिक क्षेत्र का करीब 70 प्रतिशत् व्यापार यहीं से संचालित होता है। इसके साथ ही यह धर्मजयगढ़,लैलूंगा और कांसाबेल कोतबा  जैसे तेजी से विकसित होते क्षेत्रों के केंद्र पर स्थित है। यह सभी सड़क मार्ग से पत्थलगांव से जुड़े है तथा सभी की यहां से दूरी मात्र 30 से 35 किमी है।

जिससे कानूनी मसलों के लिए लोगों की मुश्किलें कम होने के साथ साथ सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था भी संभव हो सकेगी। इसके अलावा सभी  क्षेत्र सांस्कृतिक व भाषाओं के रूप से जुड़े होने के साथ जिला मुख्यालय दूर होने की एक सी समस्या से जूझ रहे है। इसे देखते हुए इन तहसीलों को शामिल करते हुए नए जिले का गठन किया जाए और व्यापारिक महत्व व प्रशासनिक सुव्यवस्था की दृष्टि से पत्थलगांव को जिला मुख्यालय बनाया जाना उचित होगा। 

दशकों पुरानी है मांग

पत्थलगांव को जिला मुख्यालय बनाए जाने की मांग यहां के लोगों द्वारा दशकों से की जा रही है। अलग-अलग मंचों के माध्यम ये लोग यह मांग उठाते रहे हैं। हर बार 26 जनवरी और 15 अगस्त को शहर के लोगों में उत्सुकता देखने को मिलती है कि शायद इस बार पत्थलगांव को जिला बनाए जाने की घोषणा होगी परंतु हर बार लोगों को मायूसी का सामना करना पड़ता है। 

2013 के विधानसभा चुनाव से पूर्व विकासयात्रा के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह द्वारा भाजपा का विधायक बनने पर पत्थलगांव को जिला की सौगात देने की घोषणा और उसके बाद भाजपा का विधायक बनने के बावजूद इस पर अमल नहीं होने से नाराज लोगों ने इसी मुद्दे पर विधायक रामपुकार सिंह को व्यापक समर्थन देने हुए 36हजार से भी अधिक मतों से विजयी बनाया था। 

जनभावनाओं को देखते हुए इसे कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा में भी शामिल किया था। इसके बाद से लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनकी मांग पूरी होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। परंतु इस बार भी घोषणा नहीं होने से लोगों में खासी निराशा है।

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