... ब्रेकिंग पत्रवार्ता : "खाद निर्माण में लापरवाही पर" कलेक्टर ने एक माह का वेतन रोकने का दिया निर्देश,जिले के दो CMO,इंजीनियर का रोका गया वेतन,गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कही ये बात ....

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता : "खाद निर्माण में लापरवाही पर" कलेक्टर ने एक माह का वेतन रोकने का दिया निर्देश,जिले के दो CMO,इंजीनियर का रोका गया वेतन,गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कही ये बात ....

 जशपुर,टीम पत्रवार्ता,16 जून 2021


कलेक्टर महादेव कावरे ने कलेक्ट्रेट कार्यालय कक्ष में प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने गौठान में खाद निर्माण की प्रगति, छनाई, पैकेजिंग, उत्पादित खाद का पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री, गौठानो में मल्टी एक्टिविटी सहित अन्य कार्य की विस्तार से समीक्षा की।कलेक्टर ने कहा कि जिले में खाद निर्माण, मल्टी एक्टिविटी एवं गौठान को आत्मनिर्भर बनाने जैसे कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वपूर्ण योजना है। इस हेतु खाद निर्माण, महिलाओं को आजीविका से जोड़ना एवं गोठान को स्वावलंबी बनाने जैसे सभी कार्यो को समान्तर रूप से संचालित करना अनिवार्य है। 

इस दौरान कलेक्टर ने शहरी क्षेत्र के गोठानों में उत्पादित खाद की मात्रा की जानकारी ली।इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत केएस मंडावी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। 

कलेक्टर महादेव कावरे ने नगर पालिका जशपुर एवं नगरपंचायत बगीचा के शहरी गौठान में खरीदे गए गोबर की मात्रा एवं खाद उत्पादन अपेक्षाकृत कम होने के कारण नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर ने  इस हेतु नगरपालिका जशपुर के सीएमओ बसंत बुनकर एवं नोडल अधिकारी सब इंजीनियर वसुंधरा भगत, नगरपंचायत बगीचा सीएमओ निलेश केरकेट्टा एवं नोडल अधिकारी सब इंजीनियर प्रफुल्ला टोप्पो के एक माह का वेतन रोकने के निर्देश दिया है।


उल्लेखनीय है कि नगर पालिका जशपुर के शहरी गौठान में 8819.54 क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है एवं अब तक 164.70 क्विंटल खाद का उत्पादन हुआ है। इसी प्रकार नगरपंचायत बगीचा के शहरी गौठान में कुल 5680.97 क्विंटल गोबर की खरीदी एवं 210.59 क्विंटल जैविक खाद उत्पादन हुआ है जो कि खरीदी की गई गोबर की मात्रा से 40 प्रतिशत से भी कम है। 

कलेक्टर ने गौठानो में खाद निर्माण के संबंध में जानकारी लेते हुए खाद उत्पादन में  तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को खाद निर्माण कार्य में विशेष रूचि लेकर उत्पादित खाद का जल्द से जल्द छनाई कर पैकेजिंग कराने एवं निर्मित खाद का पोर्टल पर ऑनलाइन एंट्री कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण करने की बात कही।इस हेतु सभी संबंधित अधिकारियों को खाद की पैकेजिंग के लिए बोरी की व्यवस्था कराने की बात कही है 

कलेक्टर ने बैठक में बताया कि जिले में वर्तमान में लगभग 6460.32 क्विंटल जैविक खाद निर्मित की गई हैं जिसे माह के अंत तक 10 हजार क्विंटल से अधिक खाद निर्मित करने के के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि बरसात में नगरीय निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के गौठानों में गोबर बाहर खुले में नहीं होना चाहिए इस बात का विशेष ध्यान रखें। साथ ही गोठानों के खाली वर्मी टाको में बाहर रखे गोबर को अनिवार्य रूप से भरा जाए। जिससे गोबर बारिश के कारण खराब न हो।

कलेक्टर श्री कावरे ने विक्रय की गई खाद की राशि का वितरण गौठान समिति व महिला समूह के मध्य शीघ्रता से करने के संबंध में निर्देश दिए। इस हेतु उन्होंने एआरसीएस एवं नोडल अधिकारी अपेक्स बैंक को आपस मे समन्वय कर कार्य करने के लिए कहा। साथ ही निरस्त हुए गोठान समिति के राशि को भी उनके खाते की त्रुटि को सुधार कर यथाशीघ्र भुगतान कराने की बात कहीं। 

उन्होंने निर्मित खाद का सहकारी समितियों के माध्यम से  किसानों को विक्रय कराने की बात कही। जिससे किसान द्वारा रासायनिक खाद, धान-बीज के उठाव के साथ ही जैविक खाद का उठाव भी किया जा सके। उन्होंने समितियों में भण्डारित जैविक खाद एवं किसानों को विक्रय किए जा रहे खाद का रजिस्टर संधारित कर गोठानवार रिकार्ड रखने के निर्देश दिए जिससे उन्हें राशि भुगतान के समय किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

कलेक्टर ने गोठानों में संचालित हो रही मल्टी एक्टिविटी गतिविधियों के सम्बंध में जानकारी ली। उन्होंने प्रस्तावित गोठानों में पषुधन विकास विभाग के अंतर्गत मुर्गी एवं बकरी पालन जैसी योजनाओं से समूह की महिलाओं को लाभांवित करने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानो में मल्टीएक्टिविटी गतिविधियां संचालित करने एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को अन्य आजीविका से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए के लिए विशेष प्रयास  करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जैविक खाद निर्माण से जुड़ी महिलाओ को मुर्गी, बकरी पालन, मिनी राईस मिल, सहित अन्य गतिविधियांे से जोड़कर प्राथमिकता से रोजगार उपलब्ध  कराए।  जिससे गौठानो को स्वावलंबी एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा ने बताया कि जिले में प्रथम एवं द्वितीय चरण के गौठान में कुल 470 समूहों द्वारा आजीविका गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत वर्मी कम्पोस्ट, दोना पत्तल, चप्पल निर्माण, पोल निर्माण, जैविक कीटनाशक, मछली पालन, मुर्गी पालन, मिनी राइस मिल, सिलाई मशीन, सोलर ड्रायर, अचार निर्माण, टसर धागा उत्पादन, अगरबत्ती निर्माण, मशरूम उत्पादन सहित अन्य गतिविधियां शामिल है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के गोठानों में कुल 223 एवं द्वितीय चरण के गोठानों में 247 समूह की महिलाओं कोे आजीविका से जोड़ा गया है । कलेक्टर ने गोठानों एवं चारागाह में जलापूर्ति की स्थिति की जानकारी लेते हुए क्रेडा विभाग को सौर सुजला योजना के तहत् गोठानों एवं चारागाह में सोलर पंप जल्द से जल्द लगाने के निर्देष दिए। उन्होंने गोठानों के सभी प्रभारी अधिकारियों को अपने-अपने गोठानों का निरंतर निरीक्षण कर खाद निर्माण सहित अन्य कार्यों में प्रगति लाने के लिए निर्देष दिए है।

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