... ब्रेकिंग पत्रवार्ता : पत्थलगांव विधानसभा चुनाव परिणाम को पूर्व विधायक रामपुकार सिंह ने दी चुनौती,इन मुद्दों पर हाईकोर्ट में याचिका दायर,विधायक समेत आधा दर्जन प्रत्याशियों को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस,विधायक गोमती साय ने कहा,जनता ने जनादेश दिया है,माननीय न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है,नोटिस आने पर देंगे जवाब।

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता : पत्थलगांव विधानसभा चुनाव परिणाम को पूर्व विधायक रामपुकार सिंह ने दी चुनौती,इन मुद्दों पर हाईकोर्ट में याचिका दायर,विधायक समेत आधा दर्जन प्रत्याशियों को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस,विधायक गोमती साय ने कहा,जनता ने जनादेश दिया है,माननीय न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है,नोटिस आने पर देंगे जवाब।

 


बिलासपुर,टीम पत्रवार्ता,24 जनवरी 2024

पत्थलगांव विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी रामपुकार सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव परिणाम काउंटिंग समेत अन्य मामलों पर गंभीर आरोप लगाया है।याचिका में बताया गया है कि पत्थलगांव विधानसभा में महज 255 मतों के अन्तर से गोमती साय भाजपा से विजयी घोषित हुई हैं जिसमें रीकाउंटिंग का आवेदन अस्वीकार हुआ था।रामपुकार सिंह ने वीवी पैट समेत पोस्टल बैलेट काउंटिंग में भी गडबड़ी का आरोप लगाया है।उक्त मामले में विधायक गोमती साय ने स्पष्ट किया है की उन्हें माननीय न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है।लोकतंत्र में सभी को अधिकार है अपनी बात रखने का,जनता का जो जनादेश उन्हें मिला है उसका वे सम्मान करती हैं।माननीय न्यायालय से नोटिस आने पर जवाब प्रेषित कर अपना पक्ष रखेंगे।

पत्थलगांव विधानसभा से हाल ही के चुनाव में केवल 255 मतो से पराजित घोषित हुए कांग्रेस के प्रत्याशी रामपुकार सिंह ने गोमती साय के निर्वाचन को चुनौती दी है। आज जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की एकलपीठ जो इलेक्शन ट्रिब्यूनल का कार्य कर रही है, ने प्राथमिक सुनवाई के बाद गोमती साय समेत सभी छः अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर याचिका का जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा ने माननीय हाई कोर्ट को बताया कि इस चुनाव में पोस्टल बैलेट का हिसाब किताब नियमानुसार नहीं रखा गया और बड़ी संख्या में याचिकाकर्ता को मिले मत निरस्त घोषित हुए है। वही वीवी पैट का मिलान भी ईवीएम से नहीं किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद 28 फरवरी को नियत की गई है। 

याचिका में बताया गया है कि उक्त मामले में याचिकाकर्ता द्वारा लगाया गया रिकाउंटिंग का आवेदन भी रिटर्निग आफिसर ने रद्द कर दिया था। और अन्य सभी आवश्यक दिशा निर्देशों को उल्लंघन कर याचिकाकर्ता या उसके इलेक्शन एजेंट को बिना जानकारी दिये परिणाम घोषित कर गोमती साय को निर्वाचित घोषित किया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में गोमती साय और उनके चुनाव अभिकर्ता तथा भाजपा के पदाधिकारियों पर याचिकाकर्ता के खराब स्वास्थ्य की अफवाह फैलाना का भी आरोप लगाया है। जिसके कारण या तो बहुत से समर्थक वोट डालने नहीं गये या फिर उन्होंने किसी और प्रत्याशी को वोट दे दिया। 

गौरतलब यह भी है कि केवल 255 मतों से निर्धारित हुए इस चुनाव में अन्य दलों और निर्दलिय छः प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इन सभी राजाराम लकड़ा (आप), इनोसेंट कुजुर (बसपा), अनिल कुमार परहा (हमर राज पार्टी), नेहरू लकड़ा (जोगी कांग्रेस), रथुराम पैकरा निर्दलिय सुनिल कुमार खलखों (भा.मु.पा) को एक हजार से अधिक और कुल मिलाकर 11500 से अधिक वोट मिले हैं वहीं नोटा को भी 3000 से अधिक वोट मिला। 

याचिकाकर्ता का कहना है कि खराब स्वास्थ्य की अपवाह के कारण मुझे मिलने वाले वोट अन्य प्रत्याशियों को चले गये और परिणाम प्रभावित हुआ।

बहरहाल मामले में अब अगली सुनवाई के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा।

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