... BREAKING पत्रवार्ता : 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान,7 चरणों में होगा चुनाव,10 फरवरी को यूपी से चुनावी शंखनाद,सारे नतीजे 10 मार्च को......इस बार डोर स्टेप वोटिंग की मिलेगी सुविधा ,जानें क्या है डोर स्टेप वोटिंग..?

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BREAKING पत्रवार्ता : 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान,7 चरणों में होगा चुनाव,10 फरवरी को यूपी से चुनावी शंखनाद,सारे नतीजे 10 मार्च को......इस बार डोर स्टेप वोटिंग की मिलेगी सुविधा ,जानें क्या है डोर स्टेप वोटिंग..?

नई दिल्ली,टीम पत्रवार्ता,08 जनवरी 2022

केन्द्रीय चुनाव आयोग ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बीच देश के 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में सख्त प्रोटोकॉल के साथ चुनाव संपन्न कराया जाएगा। 15 जनवरी तक किसी भी तरह के रोड शो, रैली, पद यात्रा, साइकिल और स्कूटर रैली की इजाजत नहीं होगी। वर्चुअल रैली के जरिए ही चुनाव प्रचार की इजाजत होगी। जीत के बाद किसी तरह के विजय जुलूस भी नहीं निकाला जाएगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि देश में 5 राज्यों की 690 विधानसभाओं में चुनाव कराए जाएंगे। 18.34 करोड़ मतदाता चुनाव में हिस्सा लेंगे। कोरोना के बीच चुनाव कराने के लिए नए प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे। सभी चुनाव कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होगी। जिन्हें जरूरत होगी, उन्हें प्रिकॉशन डोज भी लगाई जाएगी। 

देखिये 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का शेड्यूल

पहला चरण: 10 फरवरी

उत्तर प्रदेश

दूसरा चरण: 14 फरवरी

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा

तीसरा चरण: 20 फरवरी

उत्तर प्रदेश

चौथा चरण: 23 फरवरी

उत्तर प्रदेश

पांचवा चरण: 27 फरवरी

उत्तर प्रदेश, मणिपुर

छठवां चरण: 3 मार्च

उत्तर प्रदेश, मणिपुर

सातवां चरण: 7 मार्च

उत्तर प्रदेश

सभी के नतीजे: 10 मार्च

इस बार चुनाव में क्या होगा ख़ास 

1. कोरोना के बीच चुनाव चुनौतीपूर्ण-नए कोविड प्रोटोकॉल लागू होंगे।

2. कोरोना संक्रमित भी वोट डाल सकेंगे- मरीजों को पोस्टल बैलेट की सुविधा।

3. 16% पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं।

4. एक पोलिंग स्टेशन पर मैक्सिमम वोटर्स की संख्या 1500 से 1250।

5. चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई गई, बड़े राज्यों में अब 40 लाख रुपए।

राजनीतिक दलों के लिए गाइडलाईन 

1. सभी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

2. दलों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा करनी होगी।

3. उम्मीदवार को भी आपराधिक इतिहास बताना होगा।

4. यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में 40 लाख रुपए हर कैंडिडेट खर्च कर पाएगा।

5. मणिपुर और गोवा में यह खर्च सीमा 28 लाख रुपए होगी।                               

चुनाव आयोग के एक एलान ने सभी का ध्यान खींचा है। जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और कोरोनावायरस से प्रभावित लोगों को घर से वोट करने की सुविधा मिलेगी। पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों का एलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में ये सुविधा दी जाएगी।


यहां हम आपको डोर स्टेप वोटिंग के बारे में बता रहे हैं कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति घर बैठे ही वोट दे सकता है।

डोर स्टेप वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग का एलान

अब 80 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग और कोरोनावायरस से प्रभावित मतदाताओं को घर से वोट देने की वैकल्पिक सुविधा मिलेगी। चुनाव आयोग ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि आप पोलिंग स्टेशन में आकर वोट देकर जाएं। इसके बावजूद अगर कुछ लोग नहीं आ सकते हैं, तो चुनाव आयोग खुद उनके दरवाजे पर जाएगा।

क्या है डोर स्टेप वोटिंग.?

डोर स्टेप वोटिंग का फार्मूला पोस्टल बैलट की सुविधा का अपग्रेड है। गौरतलब है कि भारत में पोस्टल बैलट की सुविधा पहले भी रही है, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक इस सुविधा को सीमित स्तर पर ही मुहैया कराया है। पोस्टल बैलट का इस्तेमाल पहले सिर्फ सैन्यबल- थलसेना, जलसेना और वायुसेना के सदस्य, भारत के बाहर से काम कर रहे सरकारी अफसर, उनकी पत्नियां और जिस राज्य में चुनाव हो रहे हैं, वहां ड्यूटी पर लगाए गए पुलिसकर्मी ही उठा सकते थे। इसके लिए वे चुनाव आयोग की तरफ से दिए गए फॉर्म को भरकर पोस्ट से वोट कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में वो अपना वोट चुनाव आयोग को पोस्ट के जरिए भेज सकते हैं।

12-D फॉर्म बूथ स्तर के अफसर से 

डोर स्टेप वोटिंग के तहत अब 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों, दिव्यांगों और कोरोना प्रभावित जो भी लोग वोट करना चाहेंगे, उन्हें चुनाव आयोग की तरफ से फॉर्म मुहैया कराया जाएगा। इसी के नए प्रावधानों के तहत यह फॉर्म उन्हें बूथ स्तर के अफसर की तरफ से घर जाकर दिया जाएगा और इसके लिए तारीखों का एलान पहले से ही हो जाएगा। वोट करने वालों के नाम नोट किए जाएंगे और इन्हें राजनीतिक दलों को मुहैया कराया जाएगा, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रह सके। राजनीतिक दल इन नामों के आधार पर फर्जी वोटिंग न होना भी सुनिश्चित कर सकते हैं। हालांकि, पूरी प्रक्रिया में मतदान को गुप्त और निष्पक्ष रखने की कोशिश होगी।

चप्पे चप्पे से होगी वीडियो रिकॉर्डिंग होगी

वोटर की तरफ से इन फॉर्म्स को भरने के बाद आयोग पोलिंग दलों का गठन करेगा। इन पोलिंग दलों की संख्या डोर स्टेप वोटिंग की मांग करने वालों के आधार पर तय की जाएगी। यही पोलिंग दल बाद में चुनावी प्रक्रिया पूरी करने के लिए घर-घर जाएंगे और सीलबंद लिफाफे में रखे गए फॉर्म्स को जुटाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। घर से वोटिंग की सुविधा का फायदा उठाने वालों को बूथ वोटिंग का अवसर नहीं दिया जाएगा। डोर स्टेप वोटिंग के जरिए जुटाए गए मतों को बूथ पर होने वाली वोटिंग से जल्दी पूरा कर लिया जाएगा।

पहले भी दी जा चुकी है यह सुविधा?

डोर स्टेप वोटिंग की सुविधा सबसे पहले 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव में दी गई थी। तब इसका फायदा सिर्फ बुजुर्गों और दिव्यांगों तक ही सीमित रखा गया था। हालांकि, कोरोना महामारी के आने के बाद ये सुविधा सीमित स्तर पर बिहार में मुहैया कराई गई। चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में सिर्फ तीन फीसदी लोगों ने ही इस सुविधा का फायदा लिया। पिछले साल तमिलनाडु और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग ने यह सुविधा मुहैया कराई थी।अब इस बार पांच राज्यों में इस सुविधा का लाभ मतदाता ले सकेंगे।

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