जशपुर,टीम पत्रवार्ता,27 जुलाई 2021
BY योगेश थवाईत
जशपुर के कांसाबेल टांगरगाँव में स्थापित किये जाने वाले स्टील कारखाना को लेकर अब विवाद बढ़ता जा रहा है।आज हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने सभी अनावेदकों से जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।उल्लेखनीय है कि जनजातीय सुरक्षा मंच की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिलमन रति मिंज व जीएल उईके के माध्यम से हाईकोर्ट में स्टील प्लांट स्थापना के विरुद्ध याचिका दायर कर इसे स्थगित करने की मांग की गई थी।हाईकोर्ट ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की जिसमें सभी अनावेदकों को 2 अगस्त तक जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया गया है।
अधिवक्ता रामप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि मामले में सभी अनावेदकों से हाईकोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।जिसके लिए 2 अगस्त तक का समय दिया गया है।अगली सुनवाई 2 अगस्त को होनी है संभवतः उसी दिन फैसला आने की बात कही जा रही है।
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता द्वारा मां कुदरगढ़ी स्पंज आयरन डीआरआई प्लांट,बिलेट स्टील मेकिंग शॉप इन्डक्शन फर्नेश प्लांट,टीएमटी बार रोलिंग मिल समेत बिजली कैप्टिव पावर प्लांट की स्थापना के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार,राज्य पर्यावरण मंत्रालय,पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़,जशपुर कलेक्टर,DFO समेत कुदरगढ़ी स्टील कंपनी को पक्षकार बनाया गया है।
आगामी 4 अगस्त को स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर पर्यावरण संरक्षण मंडल रायगढ़ के द्वारा जनसुनवाई का आयोजन कांसाबेल के टांगरगाँव में किया गया है।अब मामला हाईकोर्ट जाने के बाद जनसुनवाई पर भी ग्रहण लगता नजर आ रहा है।सबकी नजरें 2 अगस्त पर टिकी हैं।मामले में संतोषजनक जवाब न मिलने पर कम्पनी के विरुद्ध फैसला आ सकता है।
इस मुद्दे पर लगी है याचिका
दरअसल याचिकाकर्ता के द्वारा स्टील उद्योग की स्थापना प्रक्रिया को लेकर ही सवाल खड़े किये गए हैं और बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति,अनापत्ति व दावा आपत्ति का बिना पालन किए,गलत जानकारी देकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कराया गया है।प्रोजेक्ट में उल्लेखित जानकारी पुष्ट नहीं है।कई मामलों में सम्बंधित विभाग से दावा आपत्ति भी नहीं लिया गया है।ऐसे में पूरे प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग की गई है।
वन विभाग ने नहीं दी अनापत्ति
मामले में जशपुर DFO ने बताया कि उन्हें भी पक्षकार बनाया गया है।हांलाकि अब तक वन विभाग के द्वारा स्टील उद्योग की स्थापना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।उन्होंने बताया कि यह लम्बी प्रक्रिया है जिसमें स्थापना क्षेत्र की परिधि के 10 किलोमीटर क्षेत्र में कई प्रकार के सर्वे के बाद यह अनापत्ति जारी की जाती है।उक्त सर्वे में हाथी कोरिडोर,हाथी विचरण क्षेत्र,औषधीय पौधे वृक्ष,वन्यजीवों को आवाजाही समेत पर्यावरण को नुकसान का आंकलन करना होता है।जिसके बाद ही यह प्रक्रिया पूर्ण होती है।हांलाकि जिले में हाथी कोरिडोर घोषित नहीं है लेकीन हाथियों की आवाजाही का रुटमैप वन विभाग के पास मौजूद है जिसमें टांगरगाँव के आसपास हाथियों की आवाजाही होती रहती है।
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