... ब्रेकिंग पत्रवार्ता : SDM की शिकायत पर उराँव समाज अधिकारी कर्मचारी संगठन का नया पेंच,कहा हमसे क्यूँ नहीं की गई प्रताड़ना की शिकायत,एक ओर एसडीएम के समर्थन में संगठन के प्रमुख तो दूसरी ओर शिकायत करने वाले भी उसी वर्ग से ..निष्पक्ष जाँच को लेकर उठने लगे सवाल ...

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता : SDM की शिकायत पर उराँव समाज अधिकारी कर्मचारी संगठन का नया पेंच,कहा हमसे क्यूँ नहीं की गई प्रताड़ना की शिकायत,एक ओर एसडीएम के समर्थन में संगठन के प्रमुख तो दूसरी ओर शिकायत करने वाले भी उसी वर्ग से ..निष्पक्ष जाँच को लेकर उठने लगे सवाल ...

जशपुर,टीम पत्रवार्ता,18 मई 2021

जिले के बगीचा तहसील के पटवारी,आरआई समेत तहसीलदार ने बगीचा एसडीएम के विरुद्ध स्वहस्ताक्षरित आवेदन के माध्यम से कलेक्टर को शिकायत कर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।उक्त मामले में एसडीएम के समर्थन में उराँव समाज अधिकारी कर्मचारी संगठन सामने आकर बचाव कर रहा है वहीँ शिकायतकर्ताओं का कहना है कि शिकायत करने वाले 70 प्रतिशत लोग जनजातीय समाज से हैं ।

उल्लेखनीय है कि 17 मई को एसडीएम बगीचा के विरुद्ध बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से कार्यवाही की मांग की। जशपुर जिले में यह शिकायत पत्र खूब वायरल हुआ और समाचारों में सुर्खियां बनी। 30 पटवारी,3 राजस्व निरीक्षक, 3 तहसीलदार ने बगीचा एसडीएम ज्योति बबली के ऊपर जिले के कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंप कई गम्भीर आरोप लगाये थे।

वहीं अब एसडीएम ज्योति बबली के बचाव में जिले के उरांव समाज अधिकारी-कर्मचारी संगठन को समर्थन में सीधे सामने देखा जा रहा है। उराँव समाज अधिकारी- कर्मचारी संगठन जिला जशपुर के द्वारा फिर से जशपुर कलेक्टर महोदय को लिखित आवेदन दे कर एसडीएम बगीचा के बचाव में शिकायतकर्ताओं के उपर कार्यवाही करने की बात कही गयी है। 

हाँलाकि संगठन ने अपने जनजातीय समाज के लोगों की समस्या पर बस इतना ही कहा कि शिकायतकर्ता अपनी समस्या संगठन के समक्ष रखते हैं तो उनकी शिकायत पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा। यदि वे प्रताड़ित हो रहे थे तो उन्हें पहले ही संगठन को अपनी समस्याओं से अवगत कराना था।

वर्तमान में एसडीएम महोदय के संदर्भ में संगठन के समक्ष विचार आया जिस पर कलेक्टर से उचित कार्रवाई की मांग की गई। यदि शिकायतकर्ता भी उरांव समाज से संबंध रखते हैं और संगठन के समक्ष उनके द्वारा समस्या रखी जाती है तो निश्चित रूप से संगठन के द्वारा इस पर विचार किया जाएगा।

मुद्दे को भटकने का प्रयास 

शिकायतकर्ताओं का कहना है कि मुद्दा पुर्णतः प्रशासनिक है जिसमें अधीनस्थ कर्मचारियों ने अपने उच्च अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से मामले की शिकायत कर जाँच की मांग की है।जब मामला प्रशासनिक है तो जाँच भी उसी तरीके से होनी चाहिए।इसमें संगठन का हस्तक्षेप मुद्दे को भटकाने एक प्रयास है।संगठन को यदि अपने समाज के सदस्यों के हित का ख्याल होता तो वे पहले शिकायतकर्ताओं के मुद्दे पर संज्ञान लेते क्योंकि शिकायत कर्ताओं का कहना है कि शिकायत करने वालों में 16 उरांव समाज के और लगभग 25 लोग आदिवासी वर्ग के हैं। 

संगठन ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन 

उराँव समाज अधिकारी कर्मचारी संगठन के द्वारा कहा गया है कि महोदय , तहसील बगीचा के कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अनुविभाग बगीचा में अनुविभागीय दण्डाधिकारी के पद पर पदस्थ उराँव अनुसूचित जनजाति के अधिकारी के विरूद्ध एक लिखित शिकायत दिनांक 17.05.2021 को महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।उक्त शिकायत में अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान किये जाने का आरोप लगाया गया है।सुश्री ज्योति बबली कुजूर बगीचा में अनुविभागीय दण्डाधिकारी के पद पर पदस्थापना के समय से ही विभिन्न जनोपयोगी कार्य किये जा रहे है।इसका उदाहरण ‘ हमर अंचरा ‘ है। जिसकी सरहाना प्रदेश स्तर पर भी की जा रही है। हमर अंचरा कार्यक्रम को लेकर ग्रामीणों में विशेष उत्साह है। ग्रामीणों में उक्त कार्यक्रम को लेकर कोई शिकायत नहीं है। जशपुर जिले का बगीचा क्षेत्र ऐसा था,जहाँ कोरोना संकमण व्यापक रूप से फैल चुका था।जिससे क्षेत्र के कई लोग प्रभावित हो चुके थे। सुश्री ज्योति बबली के द्वारा अपनी जान का परवाह किये बिना,कंटेनमेंट जोन में सघन दौरा कर उचित निर्णय लिये जाने के कारण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे कोरोना संकमण पर काबू पाना संभव हो पाया। जिससे क्षेत्र की जनता अनभिज्ञ नहीं है। सुश्री ज्योति बबली द्वारा समाज को यह भी अवगत कराया गया है कि दिल्ली में उनके भाई का गहन चिकित्सा ईलाज चल रहा था तथा उनके भाई आईसीयू में भर्ती थे। वह अपने भाई के ईलाज हेतु दिल्ली में थीं। उसी दौरान तथाकथित अधिकारियों द्वारा प्रपंच रच कर शिकायत आवेदन में कर्मचारियों के हस्ताक्षर लिये गये हैं। 

तहसीलदार पर आरोप 

सुश्री ज्योति बबली के बगीचा पदस्थापना से ही भ्रष्टाचार पर प्रतिबंध लग गया है।जिससे कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी क्षुब्ध है।जिसके कारण यह शिकायत किया गया है । शिकायत पत्र के अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि उक्त शिकायत तहसीलदार एवं तहसीलदार के अधीन कार्यरत पटवारियों के द्वारा प्रस्तुत किया गया है , राजस्व विभाग के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा हस्ताक्षरित नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि तहसीलदार एवं उसके अमले द्वारा लामबंद होकर एक महिला अधिकारी को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से उक्त शिकायत किया गया है। एक महिला आदिवासी अधिकारी के विरूद्ध बिना प्रमाण के अनर्गल शिकायत किया जाना निश्चित रूप से उरॉव समाज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आघात पहुंचाना है।अतः निवेदन है कि उरांव समाज के अधिकारियों को प्रताड़ित किये जाने वाले संबंधितों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें। साथ ही यह भी निवेदन है कि भविष्य में उरांव अनुसूचित जनजाति के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ भेद भाव न हो इस संबंध में भी आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।

शिकायतकर्ता भी लामबंद होने लगे हैं

आपको बता दें कि जब यह शिकायत आवेदन वायरल हुआ तब बगीचा तहसील के कर्मचारीयों ने पत्रवार्ता को बताया कि उराँव समाज अधिकारी कर्मचारी संगठन है उसने मात्र एक अधिकारी के बचाव में ये सब जातिवाद का कार्ड खेला है।यहाँ जो संगठन उराँव समाज के कर्मचारी अधिकारी की हित की बात करती है,तो यहां एसडीएम के विरुद्ध आवेदन पेश करने वालों में से भी अधिकतर कर्मचारी उराँव समाज से ही हैं। आपको बता दें कि एसडीएम के विरुद्ध आवेदन पेश करने वालों में 30 पटवारी में से 14 पटवारी उराँव, एक राजस्व निरीक्षक,एक तहसीलदार खुद ही उराँव समाज से हैं। अब संगठन के द्वारा ऐसा आवेदन दिए जाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं जब शिकायत करने वाले कर्मचारी भी उरांव समाज से हैं तो उनकी भावना को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया।

जनजातीय सुरक्षा मंच घेरने की तैयारी में

बहरहाल यह मुद्दा अब प्रदेश स्तर का बन गया है और शासन, प्रशासन के गलियारों में चर्चा गर्म है।एक ओर संगठन के माध्यम से शिकायतकर्ताओं पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है तो वहीँ दूसरी और आदिवासी उरांव समेत जनजातीय हितों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करने वाले जनजातीय सुरक्षा मंच ने इस मुद्दे पर कहा है कि उन्हें भी मामले की शिकायत मिली है जल्द ही इस पर आग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

बहरहाल खबर सुर्ख़ियों में हैं वहीँ अब विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में नजर आ रहा है। मामले में जांच को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, कि क्या तटस्थ होकर मामले की जांच होगी। शिकायतकर्ताओं के बयान को महत्व दिया जाएगा ....? 


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