... पहल :बाल संरक्षण को लेकर कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश,ग्राम पंचायत स्तर तक होगी बाल संरक्षण सेंवाओं की अनुशंसा एवं निगरानी,बाल संरक्षण समिति की बैठक में लिए गए अहम् फैसले ..

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पहल :बाल संरक्षण को लेकर कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश,ग्राम पंचायत स्तर तक होगी बाल संरक्षण सेंवाओं की अनुशंसा एवं निगरानी,बाल संरक्षण समिति की बैठक में लिए गए अहम् फैसले ..

 

जशपुर,टीम पत्रवार्ता 07 दिसंबर 2019

By योगेश थवाईत 

जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभा कक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति, निरीक्षण समिति, सलाहकार समिति एवं जिला स्तरीय टास्क फोर्स की त्रैमासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बाल संरक्षण ईकाई, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, बाल संम्प्रेषण के मामलों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की गई।

बैठक में कलेक्टर श्री कावरे ने जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, बाल संम्प्रेषण गृह के संरक्षण अधिकारियों को बच्चों एवं महिलाओं के मामलों में संवेदनशीलता बरतने के निर्देश दिए। 

उन्होंने कहा कि मामलों का तत्परता से निराकरण करना तथा बच्चों एवं महिलाओं को राहत पहुंचाना ही आप सब का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। कलेक्टर ने जिले में लैंगिग अपराधों से पीड़ित बालिकाओं के प्रकरणों का यथाशीघ्र निराकरण कर उन्हें  क्षतिपूर्ति प्रदाय किये जाने के हिदायत दी। उन्होनें जिले में निर्मित्त किये जा रहे बाल संरक्षण गृह के निर्माण कार्य में तेजी लाने एवं जनवरी तक कार्य पूर्ण कर भवन विभाग को सौंपने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने सभी विकासखंडों में अगठित बाल संरक्षण समितियों के पुनर्गठन करने के निर्देश दिए। उन्होनें चैक-चैराहों, साप्ताहिक बाजारों, में बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू एवं पुनर्वास के लिए जिला स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर 15 दिसम्बर से 15 जनवरी तक अभियान संचालित करने एवं ऐसे बच्चों की सूचना बाल संरक्षण विभाग केा प्रदान करने की बात कही। इस हेतु कार्यपालिका श्रेणी के अधिकारियों यथा निरीक्षक, पर्यवेक्षक को संकुल या वार्ड स्तर का प्रभारी नियुक्त किया जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के संचालन हेतु सर्वे कर अभिमत के साथ रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश श्रम विभाग को दिए। 

उन्होने जिले के सभी शासकीय एवं निजी विद्यालयों, आश्रम-छात्रावासों, पुलिस थाना, चिकित्सालयों में चाईल्ड लाईन निःशुल्क टोल फ्री नंबर 1098 को प्रदर्शित करने एवं 6 से 18 वर्ष के शाला त्यागी बच्चों की सूची विभाग को उपलब्ध कराने एवं उन्हें पुनः विद्यालय में प्रवेश दिलाने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए। उन्होने सभी विद्यालयों में शिकायत अथवा सुझाव पेटी लगाने एवं बच्चों को गुड एवं बैड टच के बारे में जानकारी देने की बात कही। इस हेतु विद्यालयों में एडोलेशन समिति की गठन किये जाने की हिदायत दी।

कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों, निजी नर्सिंग होम में शिशु स्वागत पालना केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होने निजी नर्सिंग होम में होने वाली प्रसव की सूची मासिक रूप से उपलब्ध कराने की हिदायत दी। कलेक्टर ने जिले के सभी बाल संरक्षण संस्थाओं में संरक्षित बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े, कम्बल, स्वेटर टोपी मोजा जुता सहित अन्य समाग्रियां उपलब्ध कराने की हिदायत दी। 

कलेक्टर श्री कावरे ने पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले ग्राम सभा की बैठक में बाल संरक्षण, किशोर किशोरी सशक्तिकरण, एवं बाल विवाह की रोकथाम से संबंध मेे विस्तार से चर्चा कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए।

जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में बताया गया कि जिले में बाल विवाह रोकने, दत्तक हेतु संरक्षण, बाल श्रमिकों का रेस्क्यू एवं होम वेरिफिकेशन के काम किए जा रहे हैं। जिले के सभी विकासखंडो में पंचायत एवं विकासखंड स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का पुनर्गठन किया जा रहा है।

इस वर्ष बालक कल्याण समिति एवं किशोर न्यायबोर्ड में नवंबर 2020 तक 131 प्रकरण दर्ज किए गए है। विकासखंड स्तर एवं ग्राम पंचायत स्तर पर भी बाल संरक्षण समिति द्वारा बाल संरक्षण सेंवाओं की अनुशंसा एवं निगरानी निरंतर की जा रही है। बाल संरक्षण संस्थाओं में संरक्षित कुल बच्चों की संख्या 57 है।बैठक में सीएमएचओ पी सुथार,डीईओ एन कुजूर, डीपीओ महिला एवं बाल विकास अजय शर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रशेखर यादव सहित संबंधित विभागों के अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित थे।



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