... कैबिनेट Breaking पत्रवार्ता : "गरीब सवर्णों " को मिलेगा" 10 % आरक्षण का लाभ,छत्तीसगढ़ में 'आर्थिक आरक्षण' को मंजूरी.. भुपेश कैबिनेट का अहम फैसला।

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कैबिनेट Breaking पत्रवार्ता : "गरीब सवर्णों " को मिलेगा" 10 % आरक्षण का लाभ,छत्तीसगढ़ में 'आर्थिक आरक्षण' को मंजूरी.. भुपेश कैबिनेट का अहम फैसला।



रायपुर, टीम पत्रवार्ता,28 अगस्त 2019

छत्तीसगढ़ में सरकार ने आर्थिक आधार पर आरक्षण को मंजूरी दे दी है।आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को लोकसेवा मतलब सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा।मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य में जातिगत आरक्षण में किए गए बदलाव को भी मंजूरी दे दी गई।

अब ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़कर 27 और एससी का 12 से बढ़कर 13 फीसदी हो जाएगा। एसटी के 32 प्रतिशत आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया गया है।उक्त आरक्षण के बाद 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक आधार पर तय किया गया है जिसका लाभ गरीब सवर्णों को मिलेगा।

इसके साथ ही कैबिनेट ने लेमरु हाथी रिजर्व पर भी मुहर लगा दी। यह देश का पहला हाथी रिजर्व होगा।


मुख्यमंत्री निवास में देर रात तक चली कैबिनेट की बैठक के संबंध में जानकारी देते हुए पत्रवार्ता को बताया गया कि

आर्थिक आरक्षण का लाभ केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर मिलेगा। जिन परिवारों की वार्षिक आय 8 लाख से कम है या पांच एकड़ से कम कृषि भूमि है या 1000 वर्ग फीट तक का फ्लैट है या ग्रामीण क्षेत्र में 200 गज से कम भूखंड का स्वामी है,उसके परिवार को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल पाएगा। इसके लिए जरूरत पड़ने पर आयोग बनाने का भी निर्णय लिया गया है। 

प्रदेश में चल रहे हाथी-मानव द्वंद्व को रोकने के लिए भूपेश मंत्रिमंडल ने 2007 से प्रस्तावित लेमरु एलिफैंट रिजर्व पर मुहर लगा दी है। 

पुराने प्रस्ताव में इसका क्षेत्रफल 450 वर्ग किमी था, लेकिन अब यह कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ और सरगुना वन मंडल के 1995.48 वर्ग किमी क्षेत्र में बनेगा। इसके अलावा बफर जोन अलग होगा। 


चिन्हांकित क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को सहमति के बिना नहीं हटाया जाएगा। प्रदेश में 237 हाथी हैं, जिनके संरक्षण के लिए एलिफैंट रिजर्व बनेगा।

साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ के अंतर्गत नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला के 275 गांवों के 50 हजार परिवारों को सेटेलाइट खसरा या नजरी नक्शा दिया जाएगा। अबूझमाड़ क्षेत्र का राजस्व सर्वे कराने का प्रयास हुआ, लेकिन सफलता नहीं मिली। 

छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों और खेल के सम्मान के लिए मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में खेल अकादमी बनाए जाने का फैसला हुआ था। 

अब खेल अकादमी के संचालन के लिए उद्योगपतियों, एनजीओ, समाज सेवी संस्थाओं और अन्य समितियों से मदद लेने का निर्णय हुआ है। 

मंत्री अकबर ने कहा कि खेल अधोसंरचना के मामले में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है, अब उसे संसाधनों के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास होगा।

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