बिलासपुर,18अगस्त2019(पत्रवार्ता) बिलासपुर पहुँचे जकाँछ सुप्रीमो अजीत जोगी ने एकबार फिर अपने चिर परिचित अंदाज़ में, आरक्षण नीति, निगम सीमा विस्तार, मेयर-अध्यक्ष, छात्रसंघ चुनाव, लेमरू एलिफेंट रिजर्व, बस्तर में आदिवासियों के अपहरण और खदान नीति को लेकर भूपेश सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही जोगी ने नए जिले के तौर पर पेंड्रा-गौरेला-मरवाही का नाम नर्मदांचल रखने की मांग भी की है।
सरकार के आरक्षण नीति पर जोगी ने कहा कि 27% आरक्षण लागू किया जाएगा तो छत्तीसगढ़ में कुल आरक्षण 72% हो जाएगा जो हिंदुस्तान में सबसे अधिक है। तमिलनाडु में भी अधिकतम 67% आरक्षण है। इतना ही नहीं सीएम बघेल के घोषणा के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सामान्य को 10% आरक्षण देने के बाद प्रदेश में आरक्षण कुल 82% हो जाएगा। ऐसे में सामान्य लोगों के लिए केवल 14%बचेगा। लिहाज़ा निर्णय अव्यवहारिक है, बिना किसी होमवर्क के तोती घोषणा मात्र है। मामला हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट में चैलेंज हो सकता है।
बिलासपुर नगर निगम विस्तार पर जोगी ने कहा, जो बेहतर काम करने वाले नगर पंचायत,नगरपालिका हैं, वहाँ की जनता विरोध कर रही है। जोगी कांग्रेस जनता के साथ है। बेतरतीब तरीके से शामिल करने से पार्टी सहमत नहीं।
आगामी निकाय चुनाव में अध्यक्ष-मेयर का चुनाव पार्षदो से कराने पर भी जोगी ने निशाना साधते हुए कहा, अगर ऐसा होता है तो ये लोकतंत्र पर कुठाराघात होगा। शहर- नगर के लोगों को अपना मुखिया चुनने का अधिकार होना चाहिए। परोक्ष चुनाव में खरीद-फरोख्त, भ्र्ष्टाचार की संभावना ज्यादा है। पुरानी प्रणाली बरकरार रहे, परिवर्तन हुआ तो पार्टी विरोध करेगी।
छात्र संघ चुनाव में भी इसी तरह चुनाव न करा नामांकन करने और जो कक्षा में पहला आएगा उसे अध्य्क्ष बनाने की बात चल रही है। ऐसा हुआ तो ये बहुत बड़ा खिलवाड़ होगा। छात्र संघ का चुनाव भविष्य के नेतृत्व का नर्सरी है। अधिकांश नेता मंत्री छात्र राजनीति से आये हैं। भूपेश सरकार लोकसभा चुनाव में हार के डर से मेयर अध्यक्ष और छात्रसंघ चुनाव नहीं कराना चाहती है।
लेमरू एलिफेंट रिजर्व की घोषणा पर कहा, प्रस्तावित रिजर्व 300-400 वर्ग किलोमीटर है, जो पर्याप्त नहीं है। प्रदेश में लगभग 1500 हांथी हैं। इसके लिए 1500 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल होना चाहिए। केवल वाहवाही लूटने के लिए सरकार ने घोषणा की है। अडानी जैसी कोयला कंपनी को संरक्षण देने के लिए क्षेत्रफल को छोटा किया गया है। असली इलाके को खदानों के लिए दे दिया गया है।
बस्तर में नक्सलियों द्वारा छः आदिवासियों के अपहरण पर कहा, कई दिनों से 6 आदिवासी नक्सलियों के कब्जे में हैं। स्थानीय स्तर पर प्रयास हो रहे लेकिन सरकार के स्तर पर उन्हें छुड़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। नक्सली जानकार व सलाहकारों से सहयोग लेकर जल्द छुड़ाना चाहिए। सभी आदिवासियों की जान कीमती है।
प्रदेश में लगातार खदानों की स्वीकृति पर कहा, प्रत्यक्ष को कोई प्रमाण की आवश्यकता नहीं। छग को सरकार ने अडानीगढ़ बना दिया है। भाजपा ने अपने 15 साल के शासनकाल में अडानी को 4 बड़ी खदानें आबंटित की और भूपेश बघेल ने अपने 2 महीने के कार्यकाल में 5 खदानें दे दी है। दोनो सरकारें छग को अडानीगढ़ बनाने के लिए दोषी है। छग की आनेवाली पीढ़ी को देखते हुए ऐसे बेतहाशा तरीके से खदानें देना बिल्कुल गलत है।
इसके साथ ही नए जिले के तौर पर पेंड्रा-गौरेला-मरवाही का नाम नर्मदांचल रखने की मांग भी जोगी ने की है। उनका मानना है पवित्र नर्मदा के नाम पर जिले का नाम हो, क्षेत्र की जनता नर्मदा की उपासक है, लोगों की आस्था नर्मदा से जुड़ी हुई है।
0 Comments