केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय से सीधी बात ..."पत्रवार्ता के लिए जशपुर से योगेश थवाईत "
जशपुर(www.patravarta.com) छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी कितनी तैयार है..? भाजपा की क्या रणनीति होगी ..? आखिर विधानसभा की हार का प्रमुख कारण क्या रहा ...? क्या लोकसभा में भी जनजातीय समाज बगावत करेंगे ....? जशपुर में रेल आएगी या नहीं ..? क्या विष्णुदेव के चेहरे को बदलकर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत पर बीजेपी दांव लगा सकती है ...? रायगढ़ लोकसभा सीट पर मेनका सिंह से टक्कर हुई तो क्या होगा ..? ऐसे तमाम अनसुलझे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया केन्द्रीय मंत्री व रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद विष्णुदेव साय ने ...पत्रवार्ता से सीधी बात में क्या कहा साय ने .....?
सवाल:- जशपुर की तीनों विधानसभा सीटों के साथ पुरे छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार का प्रमुख कारण किसे मानते हैं .?
जवाब:- मेरे विचार से कांग्रेस का घोषणापत्र भाजपा की हार का प्रमुख कारण हो सकता है। 10 दिन में कर्जमाफी,धान का समर्थन मूल्य 2500 रु/क्विंटल,हाफ बिजली बिल,अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण,2500 बेरोजगारी भत्ता जैसे मुद्दों पर भरोसा कर जनता ने कांग्रेस को जीत दिलाई है।हांलाकि 15 वर्षों के कार्यकाल में बीजेपी ने प्रदेश में विकास के खूब कार्य किये इसके बाद भी लोगों ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर आशा करते हुए कांग्रेस को जीत दिलाई है।
सवाल:-क्या भाजपा के पास घोषणापत्र तैयार करने वाले अच्छे रणनीतिकार नहीं थे जो कांग्रेस के मुकाबले अच्छा घोषणापत्र तैयार कर पाते ?
जवाब:- बीजेपी के पास और भी अच्छे रणनीतिकार हैं पर जो बातें कांग्रेस के घोषणापत्र में थी वे बातें हमारे घोषणापत्र में नहीं थी।हो सकता है लोगों को वे बातें ज्यादा अच्छी लगीं जिसके कारण जनता ने उसपर विश्वास किया।
सवाल:-आगामी लोकसभा की तैयारी किन मुद्दों के साथ करेंगे ..?
जवाब :- मुद्दा तो विकास का रहेगा,देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो विकास के कार्य हो रहे हैं,ग़रीबों को पक्के का मकान,शौचालय,आयुष्मान योजना में 5 लाख तक के ईलाज की सुविधा के साथ और भी विकास के मुद्दे हैं।
सवाल:- ये सारे मुद्दे तो विधानसभा चुनाव में आजमा चुके हैं जिसका असर देखने को नहीं मिला और बीजेपी की हार भी हो गई तो क्या और भी कोई मुद्दे होंगे ..?
जवाब:- बिलकुल ये मुद्दे तो रहेंगे ही,विधानसभा चुनाव में कई स्थानीय मुद्दे होते हैं .जिसका असर रहता है .वहीँ लोकसभा चुनाव का मामला अलग है,जिस तेजी से विकास हो रहा है तो लोग ग्रामीण इलाकों में भी मोदी जी को ही प्रधानमंत्री के रुप में देखना चाहते हैं।लोग मोदी जी के विकास को जान भी रहे हैं और मान भी रहे हैं।
सवाल :- तो क्या आगामी लोकसभा चुनाव मोदी चेहरे को सामने रखकर ही लड़ेंगे ...?
जवाब :- बिलकुल..बिलकुल ...मोदी जी को ही सामने रखकर आगामी लोकसभा का चुनाव लड़ा जाएगा।
सवाल:- रायगढ़ लोकसभा में बीजेपी को सबसे अधिक लीड देने वाले जशपुर के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग रेल की है तो क्या यहाँ के लिए" जशपुर में रेल लाईन" मुद्दा रहेगा ?
जवाब:- देखिये,पिछले 10 साल यूपीए की सरकार रही जिसमे हमारे नेशनल हाइवे के लिए एक भी पैसा केंद्र से नहीं दिया गया लेकीन मोदी जी के आने के बाद सांसद के नाते हमने मांग रखा जिसपर एक झटके में सरगुजा से पत्थलगाँव से लेकर झारखण्ड सीमा तक 1400 करोड़ की स्वीकृति मिली और आज एनएच 43 में काम हो रहा ।अब जशपुर से रायपुर जाने के लिए ये अच्छा हाइवे लोगों को मिल रहा है ।
सवाल :- सड़क बन रही है ....तो क्या जशपुर में रेल लाईन नहीं आएगी ..?
जवाब :- नहीं ऐसा नहीं है... रेल के लिए भी प्रयासरत हैं पिछले चार वर्षों में मोदी जी के शासन काल में रेल के लिए बेहतर कार्य हुआ है,धरमजयगढ़ तक रेल लाईन पंहुच चूका है और हम सबकी पुरानी मांग कोरबा से लेकर लोहरदगा तक रेल लाइन की मांग जारी रहेगी,उस पर भी कार्य होगा।अगले शासन काल में निश्चित ही रेल का मार्ग प्रशस्त होगा।
सवाल:- आगामी लोकसभा चुनाव में रायगढ़ सीट से अगला चेहरा कौन होगा क्या पहला चेहरा आपको माना जा सकता है ..?
जवाब :- नहीं ये तो हमारे शीर्ष नेतृत्व का सवाल है,निर्णय उनका होगा किनको लड़ाना है,हम लोग पार्टी के सिपाही हैं जो पार्टी का आदेश होगा उसे मानेंगे और पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्य करते रहेंगे।
सवाल:- पिछले 20 वर्षों के कार्यकाल में आप अपने को कहाँ पाते हैं ..?आपका अपने लिए क्या आंकलन है .?
जवाब:- जब 1999 का चुनाव लडे तो 58 सौ मतों से जीत हुई,दूसरी बार जनता ने 74 हजार मतों से जीत दिलाई,तीसरी बार 54 हजार से जीत हुई और चौथी बार 2 लाख 17 हजार से जनता का जनादेश मिला,लगातार लीडिंग बढ़ी है इससे आपको आपके सवाल का जवाब मिल सकता है।
सवाल:- लम्बे समय से जनजातीय समाज की उपेक्षा से सामाजिक लोग रुष्ट हैं विधानसभा चुनाव में भी इसका प्रभाव देखने को मिला उन्हें कैसे मनाएंगे ..?
जवाब :- दो बार विधायक और चार बार सांसद रहते हुए 30 वर्षों की राजनीति में सबसे अधिक कार्य आदिवासियों का हरिजनों का बीजेपी की सरकार में हुआ है जिनके लिए तमाम आयोग व प्राधिकरण बनाए गए हैं ,उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है।अधिवासियों के विकास के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की गई है ।
सवाल:- तमाम योजनाओं और आयोग के बाद भी जनजातीय समुदाय रुष्ट बना हुआ है ...? क्या कारण मानते हैं ..?
जवाब:- प्रदेश की चार लोकसभा सीटें आदिवासी प्रनिधित्व की हैं जिनमे बीजेपी के सांसद हैं ..विधानसभा की आदिवासी सीटें कम हुई हैं अन्य क्षेत्रों में इसको लेकर समीक्षा की जाएगी जिसमे और भी बातें सामने आएँगी जिसके बाद ही स्पष्ट होगा कि जनजातीय समाज क्यों रुष्ट हैं .?
सवाल:- जशपुर,कुनकुरी सांसद का गृह ग्राम गृह जिला है और यहाँ केन्द्रीय मंत्री के रहते बीजेपी की हार हुई..जिम्मेदार किसे मानते हैं ...?
जवाब :- जशपुर कुनकुरी में हमारी हार कांग्रेस से नहीं हुई यहां बागियों से हमारी हार हुई है,अपने ही बीच से बागी खड़े हो गए।जैसे दीवान खड़े हो गए और 10 हजार वोट काट दिए,इसके बाद और भी अपना ही आदमी खड़ा हो गया जो 5 हजार वोट काट दिया जिसके कारण हमारी हार हुई है ।
सवाल:- विधानसभा की सफलता को देखते हुए जनजातीय समाज तो लोकसभा में भी दावेदारी कर सकता है ?
जवाब :- विधानसभा चुनाव में इन्हें सबक मिल चूका है,उनको पता चल गया है,अब खड़े नहीं होंगे ये ।
सवाल:- पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी आरती सिंह की हार के बाद आगामी लोकसभा में रायगढ़ सीट से कांग्रेस की प्रबल दावेदार सारंगढ़ राजघराने की मेनका सिंह हो सकती हैं जिन्हें रियासत क्षेत्र का व्यापक जनसमर्थन मिलने की उम्मीद है,यदि वे चुनाव लड़ती हैं तो आपकी क्या रणनीति होगी ?
जवाब :- देखिये हमारा पहला चुनाव उसी राजघराने की पुष्पा देवी जी के साथ हमने लड़ा था और आज लगातार चौथी बार रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज कराते आ रहे हैं,इस बार भी जीत होगी।
सवाल:- जनजातीय समुदाय में खासी पकड़ को देखते हुए क्या पूर्व मंत्री गणेश राम भगत भी लोकसभा प्रत्याशी चुने जा सकते हैं .?
जवाब :- ये शीर्ष नेतृत्व के स्तर की बात है इस विषय पर शीर्ष नेतृत्व ही कोई निर्णय ले सकता है ।
सवाल:- कुछ ऐसे कार्य जिन्हें लेकर आप लोगों के पास जाने वाले हैं ।
जवाब :- काम तो पिछले 20 वर्षों से हो रहा है जिसमे 10 साल कांग्रेस की सरकार थी इसके बाद 5 साल अटल जी की सरकार में छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण,गांव गाँव में प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण और अब मोदी जी के शासन में गाँव गाँव में पक्का मकान,आदिवासियों के लिए आयोग मंत्रालय का गठन,राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 1400 करोड का आबंटन,100 करोड़ से अधिक के ईएसआई हॉस्पिटल की रायगढ़ में स्वीकृति जो विशेषतः मजदुर वर्ग के लोगों के लिए है,प्रदेश में रेलवे के कई स्टोपेज,जशपुर में एस्ट्रोट्रफ का निर्माण,इनडोर स्टेडियम, आडिटोरियम का निर्माण के साथ ऐसे कई विकास के कार्य हैं जो जनहित में हुए हैं।
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