... खबर पत्रवार्ता : जशपुर में युक्तियुक्तकरण सफल,अपर कलेक्टर ने ली प्रेस कॉन्फ्रेंस,बताया शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता के लिए उठाए गए आवश्यक कदम।

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खबर पत्रवार्ता : जशपुर में युक्तियुक्तकरण सफल,अपर कलेक्टर ने ली प्रेस कॉन्फ्रेंस,बताया शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता के लिए उठाए गए आवश्यक कदम।

जशपुर,टीम पत्रवार्ता,06 जून 2025

युक्तियुक्तकरण के संबंध में आज अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू ने कलेक्टोरेट सभागार में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर सभी संकाओं का समाधान किया और बताया कि युक्तियुक्तकरण किस तरह से शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शासन द्वारा लिया गया निर्णय है। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर श्री हरिओम द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद भटनागर सहित पत्रकारगण उपस्थित थे। 

अपर कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। नगरीय इलाकों में छात्रों की तुलना अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों की शालाओं में स्थिति इसके विपरीत है। वहां शिक्षकों की कमी है, जिसके चलते शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति को सुधारने के उद्देश्य ही प्रदेश सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण का कदम उठाया गया है। इससे जिन शालाओं में शिक्षक की जरूरत है, वहां शिक्षक उपलब्ध होंगे। 

 ग्रामीण क्षेत्रों में गणित, रसायन, भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विषयों के विषय-विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे। बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। कुल मिलाकर युक्तियुक्तकरण के माध्यम से छात्र-शिक्षक अनुपात स्कूलों में संतुलित हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। 

युक्तियुक्तकरण से होने वाले लाभों के बारे में बताते हुए उन्होनें कहा कि बार-बार प्रवेश से विद्यार्थियों को मुक्ति मिलेगी, ड्रॉपआउट रेट में कमी आयेगी। एक ही परिसर के विद्यालयों में प्रशासनिक कसावट आयेगी। विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता बढेगी। छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों हेतु उपचारात्मक शिक्षा हेतु विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगें। भविष्य हेतु बेहतर अधोसंरचना विकसित की जा सकेगी। शिक्षा के स्तर में एकरुपता को बढावा मिलेगा।

युक्तियुक्तकरण के तहत काउसलिंग के तहत उन्होंने स्कूलों में रिक्त पदों, अतिशेष शिक्षकों एवं समायोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 2 जून को हुए काउसलिंग प्रक्रिया में प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला में कुल अतिशेष पदों की संख्या 01 थी एवं 17 रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हुई थी। जिस पर विभाग द्वारा 01 प्रधान पाठक की पदस्थापना आदेश जारी किया गया है। शेष 16 पदों की अग्रिम कार्यवाही हेतु संभाग को जानकारी प्रेषित कर दी गई है।

 इसी प्रकार प्रधान पाठक प्राथमिक शाला में कुल अतिशेष पदों की संख्या 33 थी एवं 60 रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हुई थी। जिस पर विभाग द्वारा 33 प्रधान पाठक की पदस्थापना आदेश जारी किया गया है। शेष 27 रिक्त पदों की निर्देशानुसार कार्यवाही की जाएगी। व्याख्याता के कुल अतिशेष पदों की संख्या 191 थी एवं 237 रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हुई थी।

जिस पर विभाग द्वारा 151 व्याख्यता की पदस्थापना आदेश जारी किया गया है। 40 अतिशेष पदों की अग्रिम कार्यवाही हेतु संभाग को प्रेषित करते हुए रिक्त 86 पदों की जानकारी भी संभाग स्तर पर प्रेषित कर दी गई है। रिक्त पदों के अनुसार विषय की व्याख्यता उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी रिक्त पदों पर पदांकन नहीं किया जा सका है। जिसकी जानकारी भी संभाग को दे दी गई है। 

 03 जून को हुए काउसलिंग प्रक्रिया में शिक्षक पूर्व माध्यमिक शाला में कुल अतिशेष पदों की संख्या 336 थी एवं 72 रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हुई थी। जिस पर विभाग द्वारा 34 शिक्षकों की पदस्थापना आदेश जारी किया गया है। शेष 302 अतिशेष पदों की अग्रिम कार्यवाही हेतु संभाग को प्रेषित करते हुए रिक्त 38 पदों की जानकारी भी संभाग स्तर पर प्रेषित कर दी गई है। रिक्त पदों के अनुसार विषय शिक्षक उपलब्ध नहीं होने के कारण सभी रिक्त पदों पर पदांकन नहीं किया जा सका है। जिसकी जानकारी भी संभाग को दे दी गई है। 

इसी तरह 04 जून को हुए काउसलिंग प्रक्रिया में सहायक शिक्षक प्राथमिक शाला में कुल अतिशेष पदों की संख्या 555 थी एवं 334 रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हुई थी। जिस पर विभाग द्वारा 334 सहायक शिक्षकों की पदस्थापना आदेश जारी किया गया है। उक्त पद जिला स्तरीय होने के कारण जिला स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। 

अपर कलेक्टर श्री साहू ने बताया कि जिले में पहले 18 स्कूल शिक्षकविहिन तथा 258 स्कूल में मात्र एक शिक्षक पदस्थ थे। जिसे युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत पदस्थापना नियमानुसार कर दी गई है। उन्होंने बताया कि ई संवर्ग के 28 शालाएँ एवं टी संवर्ग की 271 कुल 299 शालाएँ समायोजित की गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए 10 से कम दर्ज संख्या एवं 01 किमी से कम दूरी तथा शहरी क्षेत्र के लिए 30 से कम दर्ज संख्या एवं 500 मीटर से कम दूरी वाली शालाओं एवं एक ही परिसर में दो या दो अधिक प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई, हायर सेकेण्डरी शालाएँ समायोजित की गई है। अतिशेष शिक्षकों युक्तियुक्तकरण शासन के द्वारा निर्धारित समय-सीमा में पूरी पारदर्शित एवं निष्पक्षता के साथ किया गया है। 

अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन विकासखण्ड स्तरीय 05 सदस्यीय समिति के द्वारा किया गया है। चिन्हांकन उपरांत जिला स्तरीय 05 सदस्यीय समिति के द्वारा परीक्षण उपरांत शिक्षकों की काऊंसलिंग आयोजित की गई। शिक्षकों की ओपन काऊंसलिंग प्रोजेक्टर के माध्यम से एक ही हॉल में शिक्षकों को बैठाकर पूरी पारदर्शिता के साथ की गई जिसकी विडियोग्राफी भी की गई है। शिक्षकों को उनके मनपसंद जगहों में पदस्थापना दी गई है। रिक्त पदों की पूरी सूची स्कूलवार एवं अतिशेष शिक्षकों की सूची पदवार काऊंसलिंग हॉल के बाहर नोटिस बोर्ड पर चस्पा की गई थी साथ ही यह सूची संबंधित वाट्सअप ग्रुप में भी प्रसारित की गई थी।

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