... जन सरोकार : "जशपुर" में बनी प्रदेश की पहली "नदी प्रबंधन समिति",जिला कलेक्टर,विधायक समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लिया नदियों के संरक्षण व संवर्धन का संकल्प,जिले की जीवनदायिनी "बांकी नदी" को पुनर्जीवित करने का भगीरथ प्रयास,अन्य नदियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रदेश स्तर पर बनेगी कार्ययोजना।

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जन सरोकार : "जशपुर" में बनी प्रदेश की पहली "नदी प्रबंधन समिति",जिला कलेक्टर,विधायक समेत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लिया नदियों के संरक्षण व संवर्धन का संकल्प,जिले की जीवनदायिनी "बांकी नदी" को पुनर्जीवित करने का भगीरथ प्रयास,अन्य नदियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रदेश स्तर पर बनेगी कार्ययोजना।

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,03 जुलाई 2022 

BY योगेश थवाईत 

छत्तीसगढ़ के जशपुर में नदी प्रबंधन के माध्यम से यहाँ के लोगों ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण का बेहतर सन्देश दिया है।लुप्त होती यहाँ कि बांकी नदी से इसकी शुरुआत की गई और देखते  ही देखते जनसहयोग से बांकी नदी को पुनर्जीवित करने का भगीरथ प्रयास सफल होता नजर आ रहा है।उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले से सिरी,बांकी,ईब,कन्हर,राजपुरी,डोड़की,मैनी समेत अन्य बड़ी छोटी नदियां प्रदेश के अन्य हिस्सों में जाती हैं। जशपुर जिले की ये जीवनदायिनी नदियां अन्य प्रदेशों को भी तृप्त करती हैं। ऐसे में जशपुर के लोगों ने मिलकर लुप्त होती नदियों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है जिसके लिए अब स्थायी नदी प्रबंधन समिति भी बनाई गई है।प्रदेश में नदी प्रबंधन की दिशा में किए गए इस पहल की सराहना हर किसी ने की है। प्रदेश सरकार ने भी नदियों के प्रबंधन,संरक्षण व  संवर्धन के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।  

उल्लेखनीय है की पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नदियों के प्रबंधन का बड़ा महत्त्व है। इससे न केवल नदियां पुनर्जीवित होती हैं बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित होता है। जशपुर की बांकी नदी के आसपास  अतिक्रमण व पसरी गन्दगी से बांकी नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई करती नजर आ रही थी। ऐसे में यहाँ के पर्यावरण प्रेमियों ने जनांदोलन के माध्यम से समयदान व श्रमदान  कर बांकी नदी की सफाई की और इसे पुनर्जीवित  करने का भागीरथ  प्रयास किया।  

जशपुर की जनता और जिला प्रशासन के सहयोग से किए  गए जन सहयोग से एक बड़ा बदलाव जशपुर के बांकीनदी में देखने को मिला है।जिसको देखते हुए जशपुर बांकी नदी के उद्गम स्थल सिटोंगा से लेकर नीमगांव तक 18  किलोमीटर बांकीनदी के अस्तित्व को वापस लाने  का काम किया जा रहा है।

उक्त समिति के माध्यम से जिले भर की नदियां जो अपना अस्तित्व खो रहीं हैं जिनके जीर्णोद्धार की जरूरत है ऐसी नदियों को मूल रूप देने के लिए कार्य योजना बनाकर उसे मूर्त रुप  देने का प्रयास किया जाएगा। जिला प्रशासन,स्थानीय समाजसेवियों,युवाओं व महिलाओं के सहयोग से जशपुर जिले के अन्य नदियों के संरक्षण दिशा में कार्य किये जाने का संकल्प लिया गया है। 

बांकीनदी पुनर्जीवन अभियान को सुचारू संचालन के लिए बांकीनदी जीर्णोद्धार समिति का गठन किया गया है जिसमें संरक्षक मण्डल में विधायक जशपुर जिला कलेक्टर जशपुर,पुलिस अधीक्षक जशपुर,जिला पंचायत अध्यक्ष जशपुर,जनपद अध्यक्ष जशपुर,कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग जशपुर,वनमंडलाधिकारी जशपुर सामाजिक कार्यकर्त्ता शिवानंद मिश्रा,देवेंद्र गुप्ता,रामप्रकाश पांडेय,गणेश मिश्रा,भागवत नारायण सिंह शामिल किए गए हैं।वहीँ नगर के युवा समर्थ जैन को अध्यक्ष,आनन्द कुमार गुप्ता उपाध्यक्ष,सुरेश कुमार गुप्ता सचिव,राजकपूर राम एवं गंगा राम जनजागरूकता प्रभारी,संजय पाठक कोषाध्यक्ष,श्रीमती मधु मिश्रा सह कोषाध्यक्ष,अमित रंजन सिन्हा को युवा एवं नगर जनसंपर्क की जिम्मेदारी दी गई है। 

इसके आलावा अंकिता जैन को प्रचार प्रसार,मनीषा छाबड़ा एवं रजनी रजक को सत्कार प्रमुख बनाया गया है। नदी प्रबंधन समिति के कार्यकारिणी सदस्यों में हीरुराम निकुंज,सूरज चौरसिया,निलेश सिंह,नितिन राय,अभय सोनी,विकास पांडे,राजू गुप्ता,नीरज गुप्ता,आशीष मिश्रा,अमित महतो ,मनमोहन भगत ,ओम तिवारी,आनन्द पाटोदी ,सपना जैन,सुमन गुप्ता,स्मिता कमल जैन,सीमा गुप्ता,अनिता गुप्ता,राजेश जैन,नकुल साहू ,गौतम झा,संतोष मिश्रा,गणेश साहू,उमेश साहू,केदार यादव एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों में जशपुर नगर समस्त वार्ड के पार्षद व  सिटोंगा से लेकर नीमगांव तक के सरपंच जिला पंचायत एवं जनपद सदस्यों को शामिल किया गया है।

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