कुनकुरी से लौटकर "योगेश थवाईत"
जशपुर(पत्रवार्ता.कॉम)कुनकुरी में आयोजित सर्व आदिवासी समाज की महापंचायत में आदिवासी नेताओं ने पत्थलगड़ी मामले में बंद आदिवासी नेताओं की रिहाई को लेकर रमन सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
न केवल रिहाई की मांग बल्कि 21 सूत्रीय माँगों को लेकर आदिवासियों ने महारैली भी निकाली और गुजरात से आये आदिवासी नेता ने मोदी के गुजरात से पूरे देश मे पत्थरगढ़ी शुरू करने की बात कही।
महासभा को सम्बोधित करते हुए महापंचायत के अध्यक्ष सोहन पोटाई ने अपने वक्तव्य में मुख्यमंत्री रमन सिंह को ललकारते हुए कहा कि अगर आदिवासी नाराज हो गए तो रमन सिंह रहेगा न चमन सिंह रहेगा और न अमन सिंह रहेगा।यहां के आदिवासियों को धर्म के आधार पर बाँट कर रमन सिंह मजा ले रहे हैं ।
सोहन पोटाई ने यह भी कहा सर्व आदिवासी समाज 18 सीट से अब ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है ।वहीं उन्होंने कहा यदि आदिवासी नाराज हो गए तो सरकार नही रहेगी।कुनकुरी के सलियाटोली में आयोजित महापंचायत में 50 हजार की भीड़ का दावा हालांकि फेल होकर 5 हजार के आसपास ही रहा लेकिन इस आयोजन से सरकार और प्रशासन जरूर हरकत में रही ।
गौरतलब है कि सर्व आदिवासी समाज के द्वारा बीते माह पूरे प्रदेश में पत्थलगड़ी करने वाले जेल में बंद आदिवासियों की रिहाई को लेकर जेल भरो आंदोलन किया जिसमें जशपुर जिले में किसी भी आदिवासी ने गिरफ्तारी नहीं दी । इसी को लेकर सर्व आदिवासी समाज जशपुर जिले में अपनी ताकत दिखाते हुए आदिवासियों को एकजुट करने की कोशिश की।
कुनकुरी खेल मैदान से रैली निकालकर आदिवासियों ने 2 किलोमीटर चलकर सलियाटोली खेल मैदान में महापंचायत की । इस आयोजन में पूर्व बीजेपी सांसद सोहन पोटाई , कांग्रेस पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम , गुजरात से आये आदिवासी नेता अशोक चौधरी , जोगी कांग्रेस के नेता पूर्व कमिश्नर एम एस पैंकरा ,बीजेपी के शीर्ष नेता नन्दकुमार साय के बेटे स्वर्णकमल साय भी मंच पर उपस्थित रहे।
महापंचायत में शामिल हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता अरविंद नेताम ने इस आयोजन के पीछे जशपुर में आदिवासी मुद्दों पर कमजोर मूवमेंट को बड़ा कारण बताया और यहां के आदिवासियों को इस महापंचायत के जरिये आंदोलन में हिस्सेदारी लेने के लिए जागरूक करने की कोशिश बताई ।
अरविंद नेताम ने पत्थलगड़ी को जायज ठहराते हुए यह भी कह दिया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके ब्यूरोक्रेट्स को पत्थलगड़ी क्या है इसे समझने की जरूरत है । पथलगड़ी को मुख्यमंत्री मान चुके है तो केस वापस ले लेना चाहिए अन्यथा इस मुद्दे को लेकर देश मे लड़ाई हो सकती है ।हमको यदि लाल आंखे दिखाए तो अंजाम बुरा होगा।
महिला नेत्री ममता कुजूर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा यदि दे उनके साथियों को रिहा नहीं किया जाता तो यहां की जनता जेल भरने को तैयार है ।
"वहीं गुजरात से आये आदिवासी समन्वय मंच के संयोजक अशोक चौधरी ने पत्थलगड़ी को आदिवासियों की निशानी मानकर गुजरात मे भी शुरू करने की बात कही है । ऐसे में जाहिर है कि पत्थलगड़ी आंदोलन का विस्तार पूरे देश के आदिवासी बहुल इलाकों में किये जाने की तैयारी हो रही है ।"
इस महापंचायत के समापन के समय सर्व आदिवासी समाज ने ज्ञापन देने के लिए एसडीएम कुनकुरी डीआर रात्रे को मंच पर बुलाया । इसी ज्ञापन लेने और देने के दौरान एसडीएम और सोहन पोटाई में तू तू मैं मैं हो गई ।
एसडीएम मंच पर चढ़कर ज्ञापन लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे और सोहन पोटाई एसडीएम को मंच पर आने की बात कह रहे थे । जब एसडीएम ने मंच पर चढ़ने से नौकरी चले जाने की बात कही तो सोहन पोटाई ने मंच से नीचे आकर ज्ञापन दिया।
बहरहाल पत्थरगढ़ी को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने फिर से एक बार संगठन को मजबूत करने का बीड़ा उठाया है।महासभा में भीड़ भले ही 5000 की रही हो पर यहां जंग लगी तलवार को तराशने का काम इन्होंने बखूबी किया है।
0 Comments